देहरादून:एक तरफ देहरादून पुलिस त्योहारों के मौके पर बाजारों से अतिक्रमण हटाने का दावा कर रही है जबकि दूसरी तरफ अतिक्रमण की वजह से बाजारों में पैर रखने की जगह नहीं है. अतिक्रमण की वजह से ही बाजारों में आगजनी होने पर नियंत्रण करना मुश्किल होता है, क्योंकि फायर ब्रिगेड को वहां पहुंचने में वक्त लगता है.
सबसे बड़ी बात यह है कि प्रशासन दावा करता है कि बिना लाइसेंस आतिशबाजी की दुकाने नहीं लगेंगी. दावा किया जाता है कि भीड़भाड़ वाले इलाकों में आतिशबाजी की बिक्रि के लिए लाइसेंस जारी नहीं किए जाएंगे. लेकिन बाजारों में अभी से ही पटाखों की दुकानें सजने लगी हैं. सवाल है कि अगर कोई बड़ा हादसा होता है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा.
हाल ही में देहरादून के सबसे भीड़भाड़ वाले पल्टन बाजार से सटे मोती बाजार में दुकान में आग लगी. फायर सर्विस की गाड़ी दो जगह जाम में फंसी रही. जब तक फायर सर्विस मौके पर पहुंचती तब तक सब कुछ जल कर खाक हो गया. इसी तरह रेसकोर्स अपार्टमेंट, पल्टन बाजार और चुक्खु मौहल्ले में आगजनी की बड़ी घटनाएं सामने आई, लेकिन बाजारों में अतिक्रमण के कारण हालत जस के तस हैं.