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पार्टी के नाम, सिम्बल व गठबंधन को लेकर ‘टीम अखिलेश’ में बढ़ी बेचैनी

akhilesh-yadav_1481991386 (2)शामली जिले की थानाभवन सीट से अखिलेश की अगुवाई वाली सपा ने किरनपाल कश्यप को उम्मीदवार बनाया है। रालोद से गठबंधन हुआ तो यह सीट उसके खाते में चली जाएगी। ऐसा हुआ तो किरनपाल का क्या होगा?
 
थानाभवन तो महज एक उदाहरण भर है, प्रदेश की कई सीटों पर ऐसी स्थिति है। यही वजह है कि  दल के नाम, सिंबल व गठबंधन को लेकर अनिश्चितता से अखिलेश खेमे में अब बेचैनी बढ़ने लगी है।

पहले चरण में 15 जिलों की 73 सीटों पर मंगलवार से नामांकन शुरू हो जाएंगे। पर, अब तक तय नहीं है कि अखिलेश की अगुवाई वाली सपा कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी और रालोद व कांग्रेस के लिए कितनी सीटें छोड़ी जाएंगी।

गठबंधन होने की स्थिति में कांग्रेस व रालोद ऐसी कई सीटों पर दावा करेंगे जिनपर अखिलेश प्रत्याशी घोषित कर चुके हैं। सबसे ज्यादा बेचैनी सपा के ऐसी सीटों के उम्मीदवारों में ही है। सपा (अखिलेश) के घोषित उम्मीदवारों को भी नहीं पता कि उनके टिकट कटेंगे या बचेंगे।

कुछ विधायकों के टिकटों पर भी कैंची चलने की संभावना है। ऐसी चर्चा है कि गठबंधन की घोषणा के साथ ही अखिलेश पहले और दूसरे चरण में मतदान वाले जिलों के प्रत्याशियों की नई सूची जारी कर सकते हैं।

साइकिल छिनने की आशंका

सपा के अखिलेश खेमे में भी यह सवाल है कि साइकिल सिंबल छिना तो क्या होगा? नया चुनाव चिह्न क्या होगा, कैसे उसका प्रचार हो पाएगा?
बरसों से साइकिल निशान और समाजवादी पार्टी एक दूसरे के पर्यायवाची बन गए हैं। ऐसे में उम्मीदवारों को चुनाव चिह्न छिनने से नुकसान की आशंका सता रही है। अभी यह साफ नहीं है कि सिंबल छिनने की स्थिति में नए दल का नाम क्या होगा ?

जा सकते हैं मुलायम के पाले में:
गठबंधन होने की स्थिति में अखिलेश खेमा लगभग सवा सौ सीटों पर अपने उम्मीदवार नहीं उतारेगा। माना जा रहा है कि टिकट कटने से मायूस सपा नेता अखिलेश को छोड़कर मुलायम सिंह के पाले में जा सकते हैं।

हालांकि मुलायम ने ज्यादातर सीटों पर अपने उम्मीदवारों का एलान कर रखा है लेकिन वे भी अपने प्रत्याशियों में बदलाव कर सकते हैं।

 

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