Breaking News

आवश्यक सूचना: प्रदेश जागरण के सभी निर्गत परिचय पत्र निरस्त किये जा चुके हैं | अगस्त 2022 के बाद के मिलने या दिखने वाले परिचय पत्र फर्जी माने जाएंगे |

पाकिस्तान को धोने वाले इस ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज ने बताया, मुश्किल समय में किसने दी हिम्मत

आईसीसी क्रिकेट वर्ल्डकप 2019 के 17वें मैच में बुधवार को ऑस्ट्रेलिया ने पाकिस्तान को 41 रनों से हरा दिया. इस मैच के हीरो रहे डेविड वॉर्नर. बॉल से छेड़खानी करने के मामले में प्रतिबंध लगने के लंबे समय बाद टीम में वापसी करने वाले इस खिलाड़ी ने 111 बॉल पर 107 रन बनाए. जिसमें 11 चौके और 1 छक्का शामिल था. पहले बैटिंग करते हुए ऑस्ट्रेलिया की पूरी टीम 49 ओवरों में 307 रनों पर ऑल आउट हो गई. जवाब में पाकिस्तान की टीम 46वें ओवर में 266 रनों पर समिट गई. डेविड वॉर्नर को प्लेयर ऑफ द मैच घोषित किया गया.

मीडिया से बात करते हुए डेविड वार्नर ने बताया कि उन्हें डर सता रहा था कि वह फिर कभी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शतक नहीं लगा पाएंगे. बता दें कि कंगारू टीम के सलामी बल्लेबाज वॉर्नर ने एक साल प्रतिबंध झेलने के बाद स्टीवन स्मिथ के साथ सफल वापसी की है. उन्होंने कहा कि इस पारी से उन्हें खुशी और राहत दोनों मिल रही है क्योंकि एक समय वह सोचा करते थे कि क्या कभी उनके जीवन में ऐसा क्षण फिर कभी आएगा.

बायें हाथ के इस बल्लेबाज से पूछा गया कि क्या कभी उन्हें लगा कि इंग्लैंड के खिलाफ दिसंबर 2017 में बाक्सिंग डे टेस्ट में लगाया गया शतक आस्ट्रेलिया की तरफ से उनका आखिरी सैकड़ा हो सकता है, उन्होंने कहा, ‘‘हां, निश्चित तौर पर. मेरे दिमाग में हमेशा यह बात घूमती रहती थी.’’

वार्नर ने कहा, ‘‘इससे ही मुझे जितना संभव हो सके फिट बने रहने, विभिन्न टी20 टूर्नामेंटों में अधिक से अधिक रन बनाने के लिये प्रेरणा मिलती रही. मैंने वास्तव में ग्रेड क्रिकेट खेलने का पूरा लुत्फ उठाया. मैंने उस मुश्किल दौर में खुद को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी के लिये बेहतर स्थिति में रखा.’’

वार्नर प्रतिबंध के दौरान किसी तरह की चर्चा में आने से बचते रहे लेकिन अपने शानदार प्रदर्शन के बाद उन्होंने खुलकर बातें की और अपनी पत्नी कैंडाइस का भी आभार व्यक्त किया जो इस मुश्किल दौर में उनके साथ पूरी मजबूती से खड़ी रही. उन्होंने कहा, ‘‘अगर मुझे चुना जाता तो मैं अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में किसी भी समय वापसी करने के लिये तैयार था. जिन चीजों के कारण खुद को जीवंत बनाये रख पाया वह मेरी पत्नी और दोनों बच्चे थे. मुझे अपने परिवार से बहुत ज्यादा समर्थन मिला. घर में मेरी पत्नी, वह मेरा मजबूत पक्ष है. वह अविश्वसनीय, अनुशासित और निस्वार्थ है. ’’

वार्नर ने कहा, ‘‘उसे बहुत क्रेडिट जाता है. वह कभी हार नहीं मानने वाली लेडी है. उसने पहले 12 सप्ताह में मुझे कई बार घर में बैठे रहने के बजाय दौड़ने और अभ्यास करने के लिये प्रेरित किया. अगर मैं अपनी फिटनेस और कड़ी मेहनत के स्तर को बनाये रख पाया तो इसका क्रेडिट उसे जाता है. ’’

अफगानिस्तान और भारत के खिलाफ धीमी पारियां खेलने के बाद वार्नर ने पाकिस्तान के खिलाफ अपने नेचुरल स्टाइल में बैटिंग की. उन्होंने कहा, ‘‘अफगानिस्तान के खिलाफ मुझे लग रहा था कि मैं लय में नहीं हूं. पिछले मैच (भारत के खिलाफ) मैं वैसा नहीं खेला जैसा मैं खेल सकता हूं. इसलिए यह शतक लगाने से थोड़ा राहत मिली है. भारत के खिलाफ मैंने कई शॉट फील्डरों के पास लगाये और तब आपको लगता है कि आप लय में नहीं हो. ’’