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निर्वाचन आयुक्त के बदले सुर, पुराने ईवीएम से कराएंगे चुनाव

electronic-voting-machines-not-feasible-for-pakistan-gahler-5edc6b21b1c588703a03f29bd3ae29e9राज्य निर्वाचन आयोग के सुर शनिवार को बदल गए। दो दिन पहले मॉडल-1 ईवीएम से नगर निगमों के चुनाव न कराने की बात कहने वाले आयोग ने अब कहा है कि वह पुरानी ईवीएम से चुनाव कराने के लिए तैयार है। हालांकि यह भी कहा कि पुरानी ईवीएम की गुणवत्ता की गारंटी भारत निर्वाचन आयोग को ही लेनी चाहिए।
 
दरअसल, राज्य निर्वाचन आयोग ने बृहस्पतिवार को कहा था कि वर्ष 2006 से पहले की मॉडल-1 ईवीएम दी गई तो वह बैलेट पेपर से नगर निगमों के चुनाव कराएगा, क्योंकि मॉडल-1 ईवीएम का इस्तेमाल अब केंद्रीय चुनाव आयोग बंद कर चुका है। वहां अब मॉडल-2 ईवीएम का इस्तेमाल हो रहा है।

आयोग का यह बयान ऐसे समय आया जब विपक्षी पार्टियां ईवीएम की गुणवत्ता को लेकर तरह-तरह के सवाल उठा रही हैं। आयोग के इस बयान के बाद प्रदेश की भाजपा सरकार हरकत में आई।शुक्रवार को मुख्य सचिव राहुल भटनागर ने राज्य निर्वाचन आयुक्त से मिलकर कहा कि उनके बयान से ऐसा लग रहा है कि सरकार ईवीएम से चुनाव कराने के खिलाफ है।

निर्वाचन आयुक्त से हुई सीएम योगी की मुलाकात

इसी के बाद शनिवार सुबह राज्य निर्वाचन आयुक्त एसके अग्रवाल की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात हुई। आधे घंटे की इस मुलाकात में उन्होंने राज्य निर्वाचन आयोग का पक्ष रखा।
साथ ही बताया कि केंद्रीय चुनाव आयोग भी पुरानी ईवीएम का इस्तेमाल बंद कर चुका है। इसलिए उन्होंने नई ईवीएम देने की मांग की है।राज्य निर्वाचन आयोग भी चाहता है कि नगर निगमों के चुनाव ईवीएम से ही कराए जाएं, लेकिन अभी तक केंद्रीय चुनाव आयोग ने ईवीएम देने के संबंध में अपने निर्णय से अवगत नहीं कराया है।

क्या है पुरानी व नई ईवीएम का विवाद

केंद्रीय चुनाव आयोग के पास इस समय मॉडल-1 व मॉडल-2 ईवीएम हैं। मॉडल-1 ईवीएम वर्ष 2006 से पहले की बनी हुई हैं।केंद्रीय आयोग ने वर्ष 2014 के सामान्य निर्वाचन में इनका आखिरी बार इस्तेमाल किया था। ये मशीनें 15 साल की लाइफ पूरी कर चुकी हैं। इनमें कम सिक्योरिटी फीचर हैं।
 
मॉडल-1 ईवीएम में वीवीपैट मशीन नहीं लग सकती है। इसलिए चुनाव आयोग ने इन मशीनों का प्रोडक्शन बंद कर मॉडल-2 ईवीएम का इस्तेमाल शुरू कर दिया। इसके साथ ही वर्ष 2013 से  मॉडल-3 ईवीएम का निर्माण भी शुरू हो गया है।

नई ईवीएम में ऐसे सिक्योरिटी फीचर डाले गए हैं कि इन मशीनों में यदि कोई छेड़छाड़ करेगा तो ये मशीनें अपने आप काम करना बंद कर देंगी। केंद्र सरकार पहले ही मॉडल-3 ईवीएम के लिए दो हजार करोड़ रुपये जारी कर चुकी है।

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