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निर्मला ने बजट भाषण में किया चाणक्यनीति, उर्दू शेर और तमिल कविता का इस्तेमाल

देश की पहली पूर्णकालिक महिला वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को संसद में अपना पहला बजट पेश करते हुए भाषण की शुरुआत में चाणक्यनीति का हवाला दिया. इसके अलावा उन्होंने उर्दू शेर पढ़े और तमिल कविता का प्रयोग भी किया. साथ ही शेर के लफ्जों का सही उच्चारण में दिक्कत के लिए संसद से माफी भी मांगी.

वित्तमंत्री ने स्वामी विवेकानंद के हवाले से महिला सशक्तीकरण पर जोर दिया और कहा, ‘भारत की परंपरा ‘नारी से नारायणी’ मानने की रही है. नारी को देवी समान माना गया है.’ उनकी इस बात की सदन में काफी प्रशंसा हुई.

निर्मला ने कर्म नीति की व्याख्या करने के क्रम में एक तमिल कविता को भी उद्धृत किया. इसके बाद उन्होंने कविता के छंद का अर्थ भी समझाया. बजट दस्तावेज को ब्रीफकेस में साथ लेकर जाने की परंपरा रही है, लेकिन निर्मला उसे तहदार एक लाल कपड़े में लपेटकर ले गईं. वित्तमंत्री निर्मला को पहला बजट पेश करते हुए देखने के लिए उनके माता-पिता भी संसद पहुंचे थे.

जनता की उम्मीदों का बजट: पीएम नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को आम बजट को जनता की उम्मीदों का बजट बताया. उन्होंने कहा कि इससे 21वीं सदी में देश के विकास को प्रोत्साहन मिलेगा. प्रधानमंत्री ने कहा कि बजट में गरीबों को ताकत मिलेगी और युवाओं को बेहतर कल प्रदान किया गया है.

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार के लगातार दूसरे कार्यकाल के पहले बजट के संबंध में प्रधानमंत्री ने कहा कि बजट दर्शाता है कि इससे जनता की उम्मीदें पूरी हो सकती हैं.

मोदी ने कहा, ‘मैं पहली महिला वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को नागरिक हितैषी और भविष्य के लिए हितकारी बजट पेश करने के लिए बधाई देता हूं. इस बजट का लक्ष्य देश के नागरिकों को समृद्ध बनाना है.’

उन्होंने इसे भारत को ऐसा देश बनाने के लिए एक ऐतिहासिक कदम करार दिया जिससे लोगों की उम्मीदों की पूर्ति के साथ-साथ उनके सपने पूरे होंगे. उन्होंने कहा, ‘बजट में आर्थिक सुधारों की बात की गई है जिससे जीवन सरल बनता है.’उन्होंने कहा कि दिशा सही है और गति की भी ठीक है.