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निजीकरण के विरोध में  राज्य विद्युत कर्मचारियों का प्रांत व्यापी कार्य बहिष्कार

देव श्रीवास्तव
लखीमपुर खीरी।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश के आवाहन पर दिनांक 27 मार्च 2018 प्रदेश के सभी ऊर्जा निगमों के तमाम विद्युत कर्मचारीयो के द्वारा कार्य बहिष्कार किया गया जिसमें लखीमपुर खीरी व गोला के अधिशासी अभियंता सहायक अभियंता अवर अभियंता व उनके समस्त कर्मचारी विद्युत वितरण मंडल लखीमपुर कार्यालय में उपस्थित हुए। संघर्ष समिति के सदस्यों ने बताया की लखनऊ गोरखपुर वाराणसी  मेरठ व मुरादाबाद शहरों में सरकारी कंपनियां मुनाफा दे रही हैं। जबकि आगरा में निजीकरण के 8 वर्षों बाद पावर कारपोरेशन को करोड़ों का नुकसान झेलना पड़ा है। कितनी विडंबना है की प्रदेश सरकार ने आगरा की तरह मुनाफा कमाने वाले शहरों का निजीकरण करने का निर्णय लिया है। जहां निजी करण के चलते पावर कारपोरेशन को लगभग 100 अरब का चूना लग चुका है। संघर्ष समिति ने निर्णय लिया है कि व्यापक जनहित में निजी करण के विरुद्ध जारी संघर्ष को आम जनता के बीच लाया जाएगा। संघर्ष समिति ने बताया की पावर कारपोरेशन प्रबंधन वह सरकार बिजली के निजी करण को लेकर अनावश्यक टकराव का वातावरण बना रहे हैं। सीमित ने चेतावनी दी है कि कार्य बहिष्कार के दौरान यदि किसी कर्मचारी का उत्पीड़न किया गया तो कर्मचारी व अभियंता बिना किसी अन्य नोटिस के दिए उसी समय से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार करने के लिए बाध्य होंगे। जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी सरकार की होगी। सीमित ने यह भी कहा कि यदि सरकार हटवादी रवैया नहीं छोड़ती है तो आंदोलन और तीव्र किया जाएगा। संघर्ष समिति में मौके पर मौजूद कर्मचारी व अभियंता आर डी यादव, एम0 एम0 सरन, उमेश चंद्र सोनकर, प्रदीप कुमार वर्मा, महेंद्र कुमार डी0के0 यादव, हरि ओम, सर्वेश कुमार, मनोज कुमार पुष्कर, अतेंद्र कुमार, भूपेंद्र वर्मा, आदि अधिकारी व कर्मचारी गण मौजूद थे।