नई दिल्ली। भारतीय सेना की अति संवेदनशील गोपनीय जानकारी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई को मुहैया कराने के आरोप में दबोचे गए सैन्य कर्मी के चार करीबी साथी और हबीबुर्रहमान नेटवर्क के हवाला कारोबार से जुड़ा एक व्यक्ति समेत कुल पांच लोग जांच एजेंसी की रडार पर हैं।
जासूसी मामले की जांच में जुटी पुलिस एक तरफ सेना के जवान के नेटवर्क को खंगाल रही है, वहीं पाकिस्तान से हवाला के जरिये हबीबुर्रहमान तक रकम पहुंचाने वाले हवाला नेटवर्क से जुड़े व्यक्ति की भूमिका की भी जांच की जा रही है।
यह व्यक्ति पाकिस्तान से किस स्तर पर जुड़ा है। क्या यह खुद भी हवाला का कारोबार करता है या फिर पाकिस्तानी हवाला कारोबारियों के लिए काम करता है, इस तरह के तमाम सवालों के जवाब की तलाश में पुलिस की जांच चल रही है।
दरअसल दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने जिन दो लोगों को गिरफ्तार किया है, उनमें भारतीय सेना के जवान परमजीत के नेटवर्क से लेकर भारतीय सेना के लिए सब्जी सप्लाई करने वाला ठेकेदार हबीबुर्रहमान के नेटवर्क के बीच कुल पांच लोगों की भूमिका संदिग्ध है। इनमें से कुछ संदिग्धों की पहुंच पाकिस्तानी दूतावास तक होने की जानकारी मिली है, जिसकी गहन जांच-पड़ताल की जा रही है।
जांच एजेंसियों की माने तो एक व्यक्ति अपना नाम बदल कर भारतीय सेनाओं से जुड़ी सूचनाएं आईएसआई तक पहुंचाने का काम करता था।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, आरोपित हबीबुर ने यह जानकारी दी है कि इस शख्स ने ही भारतीय सेना की गोपनीय जानकारी आईएसआई को मुहैया करवाने के लिये लोभ दिया था। हिरासत में आया भारतीय सेना का क्लर्क कांस्टेबल परमजीत हबीब के लिए लिंक मैन के तौर पर काम कर रहा था।
हबीब को गोपनीय जानकारियां जुटाने के बदले में पाकिस्तानी एम्बेसी के करीबी लोगों से रकम मिलती थी। यह रकम सीधे पाकिस्तान से हवाला के जरिये आती थी। इस लिंक के जुड़ने पर हवाला कारोबार से जुड़े व्यक्ति को भी जांच के दायरे में रखा गया है।