चुनाव आयोग का फैसला अखिलेश के पक्ष में आते ही कांग्रेस के रणनीतिकार सक्रिय हो गए हैं। शीला दीक्षित का कहना है कि चुनाव आयोग ने सोच समझकर फैसला दिया है। पार्टी में किसका पलड़ा भारी है इसी आधार पर अपना फैसला सुनाया है। कांग्रेस ने यूपी चुनाव की शुरुआत 27 साल यूपी बेहाल के नारे से की थी।
शुरुआती दिनों में मुलायम सिंह भी इसमें शामिल थे, लेकिन परिवार के विवाद के बाद कांग्रेस अखिलेश के साथ ही जाना पसंद कर रही थी। अब अखिलेश के हाथ सपा की कमान आने से कांग्रेस के नेताओं ने भी राहत की सांस ली है।
सूत्रों की मानें तो कांग्रेस ने प्रियंका-डिंपल के बीच हुई बातचीत में करीब 110 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की मांग रखी है। कांग्रेस गठबंधन को लेकर अड़ना नहीं चाहती है। उसका रुख लचीला है। वर्तमान के 20 विधायकों वाली सीटों के अलावा वह दूसरे नंबर वाली सीटें भी चाहती हैं। माना जा रहा है कि पार्टी कम से कम 80 सीटें तो चाहती ही है।