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उत्तराखंड में आफत की बारिश, पहाड़ियों से बरस रहे पत्थर, कई सड़कें अवरुद्ध

 मौसम विभाग की चेतावनी के अनुरूप बुधवार की रात से उत्तराखंड में बारिश का दौर जारी है। इस दौरान पहाड़ियों से पत्थर गिर रहे हैं। भूस्खलन से चलते गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ हाईवे अवरुद्ध हो गया है। वहीं, मौसम विभाग ने सात जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।

बुधवार से हो रही बारिश के चलते उत्तराखंड में उमस भरी गर्मी से लोगों को राहत जरूर मिली। साथ ही बारिश से मैदानी इलाकों में देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंह नगर की सड़कों में जलभराव से लोगों की परेशानी दोगुनी हो गई। वहीं, पर्वतीय क्षेत्र में पहाड़ियों से लगातार पत्थर गिरने से सड़कें अवरुद्द हो रही हैं। उत्तरकाशी के वरुणावत पर्वत से पत्थर गिरने से होटल की छत ध्वस्त हो गई, वहीं देहरादून के त्यूनी में बिजली गिरने से मकान क्षतिग्रस्त हो गया।  

लगातार बारिश से दून का अधिकतम व न्यूनतम तापमान सामान्य से चार डिग्री अधिक 33.7 व 26.7 डिग्री सेल्सियस रहा। उधर, उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में इस बार हल्की बारिश के बाद भी पहाड़ों से मलबा गिर रहा है। मंगलवार रात से ऋषिकेश-गंगोत्री हाईवे उत्तरकाशी जिले के चुंगी-बड़ेथी के पास अवरुद्ध है। वहीं, गुरुवार की सुबह यमुनोत्री हाईवे भी उत्तरकाशी के डाबरकोट के पास मलबा आने से अवरुद्ध हो गया। उत्तरकाशी केदारनाथ मार्ग भी सिरी गांव के पास अवरुद्ध है। रुद्रप्रयाग जनपद में गौरीकुंड हाईवे तिलवाड़ा के पास भूस्खलन से बंद हो गया। सभी मार्गों को खोलने का काम जारी है। 

कुमाऊं के पिथौरागढ़ जनपद में थल व डीडीहाट में भारी बारिश की सूचना है। बारिश से अस्कोट-कर्णप्रयाग मार्ग लालघाटी के पास मलबा आने से बंद हो गया। वहीं, यह सड़क कुकरोली के पास बह गई। इससे सड़क के दोनों तरफ लोग फंस गए। 

बारिश के चलते सड़कों के बंद होने और खुलने का सिलसिला जारी है। राज्य में बारिश के बाद करीब 57 संपर्क मार्ग बंद हैं। गंगोत्री हाईवे पर आगराखाल बाजार में ऊपर पहाड़ी से मलबा गिरने से दो खोखे क्षतिग्रस्त हो गए। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि प्रदेश के सात जिले देहरादून, पौड़ी, हरिद्वार, नैनीताल, चंपावत, पिथौरागढ़ व ऊधम सिंह नगर में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है।

छत पर गिरी 132 केवी की लाइन, जान बचाकर भागा परिवार

देहरादून के झाझरा में बारिश के दौरान 132 केवी की ग्रिड की लाइन टूटकर एक घर की छत पर जा गिरी। लाइन के गिरते ही जोरदार का धमाका हुआ और बड़ी-बड़ी चिंगारियां छूटने लगीं। चिंगारियों की आवाज सुनकर घर में मौजूद लोग जान बचाकर खेतों की तरफ भाग खड़े हुए। इस हादसे में घर के दरवाजे जल गए और इलेक्ट्रॉनिक्स सामान फुंक गया। 

बालाजी धाम के पीछे जिस घर पर यह लाइन गिरी उसमें दूध बेचने का काम करने वाले सतीश चौहान का परिवार रहता है। घटना के समय सतीश, उनकी पत्नी व दो बच्चे भी घर पर थे। गनीमत रही कि कोई भी बाहर नहीं था, वरना बड़ा हादसा हो सकता था। 

सतीश बताते हैं कि बिजली की लाइन से इतनी चिंगारियां निकल रही थीं कि जैसे पूरे घर में आग लग जाएगी। चिंगारियों से जब उनके दरवाजे जलने लगे तो वह परिवार को लेकर खेतों की तरफ दौड़ पड़े। साथ ही मवेशियों को भी खोल दिया।

खोखला हो चुका था पेड़, नहीं ली सुध

पिटकुल अधिकारियों के अनुसार जो पेड़ ग्रिड की लाइन पर गिरा, वह खोखला पड़ चुका था। इसको लेकर वन विभाग को सूचित भी किया गया था, मगर उनके स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। बताया गया कि सतीश चौहान ने भी वन विभाग से पेड़ को कटवाने की मांग की थी।

आकाशीय बिजली गिरने से मकान क्षतिग्रस्त

देहरादून में त्यूनी के अंतर्गत देवघार खत के छुमरा गांव में बीते मंगलवार रात को आकाशीय बिजली गिरने से एक मकान क्षतिग्रस्त हो गया। गनीमत ये रही कि घर के अंदर सो रहे परिवार के किसी भी सदस्य को चोट नहीं पहुंची। हालांकि मकान में रखा कई कीमती सामना इसकी चपेट में आ गया। प्रभावित परिवार ने प्रशासन से मुआवजे की मांग की है।

देवघार खत के छुमरा गांव में रात को मौसम खराब होने से स्थानीय निवासी रणदास के मकान पर आकाशी बिजली गिरने से लकड़ी-सीमेंट से निर्मित दो मंजिले भवन का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। मकान पर आकाशीय बिजली गिरने की तेज आवाज सुनकर घर के अंदर सो रहे परिवार के लोग नींद से जागे और जान बचाने को बाहर की तरफ भागे। 

आकाशीय बिजली की चपेट में आने से घर के अंदर लगे कई कीमती उपकरण और अन्य सामान भी नष्ट हो गया। जिससे प्रभावित परिवार को हजारों का नुकसान हुआ है। आपदा प्रभावित ग्रामीण परिवार ने प्रशासन से नुकसान के एवज में मुआवजे की मांग की है। मामले में तहसीलदार केडी जोशी ने क्षेत्रीय राजस्व उपनिरीक्षक तिलकराम जोशी को जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए है।

सड़क पर भरा बारिश का पानी  

उत्तरकाशी के जोशियाडा क्षेत्र में कंसेण कालेश्वर मार्ग पर बारिश के कारण पानी भर गया है। लोगों के घर आंगन के साथ खेतों में भी बारिश का पानी जमा हो गया है। कंसेण मार्ग पर बारिश का पानी भर जाने के कारण स्कूली नौनिहालों एवं स्थानीय लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि कालेश्वर- कंसेण मार्ग पर नगर पालिका ने निकासी की सही व्यवस्था नहीं की है। जिसके कारण हर साल यहां मार्ग पर पानी भर जाता है।

वरुणावत की पहाड़ी से गिरा पत्थर, होटल की छत क्षतिग्रस्त 

उत्तरकाशी में वरुणावत की पहाड़ी से एक भारी बोल्डर गिरा। जो भटवाड़ी रोड स्थित एक होटल की छत में गिरा। बोल्डर के गिरने से होटल की छत क्षतिग्रस्त हुई तथा एक स्टोर भी पूरी तरह से क्षतिग्रसत हुआ। शुक्र तो ये रहा कि उस समय छह और होटल में कोई नहीं था।

होटल स्वामी फूल सिंह कंडियाल ने बताया कि अचानक वरुणावत की पहाड़ी से भारी बोल्डर गिरा। बोल्डर गिरने से होटल की छत क्षतिग्रस्त हुई तथा कई स्थानों पर भी टूटी। इसके साथ ही होटल की छत के किनारे होटल का स्टोर भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुआ है। शुक्र तो ये रहा कि पहाड़ी से आया भारी बोल्डर पहले पेड़ों से टकराया। इससे बोल्डर की स्पीड कुछ कम हुई। नहीं तो बोल्डर ने सीधे गंगोत्री हाईवे पर आना था। 

उन्होंने कहा कि उनका परिवार भी होटल से ही लगे मकान में रहता है। जिस समय यह बोल्डर आया उस समय कोई घर व होटल पर नहीं था। उन्होंने बताया कि बीते वर्ष भी कई बार वरुणावत की पहाड़ी से पत्थर आ चुके हैं।