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अपनी सुरक्षा अपने आप करनी चाहिए थी:पुलिस

Lakhimpur/Dev Srivastava: किसी जरूरतमंद के इलाज की खातिर एक गरीब ने किसी तरह पाई-पाई का इंतजाम कर सात हजार रुपए की व्यवस्था की। बाइक पर सवार होकर वह जरूरतमंद को पैसे पहुंचाने जा रहा था। रास्ते में बाइक रोक कर किसी से फोन पर बात करने लगा। इसी बीच एक युवक पास आया। किसी से बात करने के लिए उससे एक मिनट के लिए फोन देने की गुजारिश की। नीयत से अंजान गरीब ने उसकी मदद के लिए फोन दे दिया। मगर अचानक अंजान युवक पाई-पाई जुटाकर इकठ्ठा किए रुपयों को जेब से निकाल कर भाग गया। लुटा-पिटा गरीब जब मदद की गुहार लगाने पुलिस के पास पहुंचा तो बजाए मदद करने पुलिस ने अपनी सुरक्षा अपने आप की नसीहत देकर चलता कर दिया। 
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जानकारी के अनुसार, मोहल्ला शिवकालोनी निवासी ओम प्रकाश पुत्र श्रीराम अपने परिवार के एक सदस्य के इलाज के लिए पैसे लेकर राजापुर से आ रहे थे। इसी बीच लखीमपुर रोडवेज बस अड्डे पर उन्होंने फोन आने पर अपनी गाड़ी रोकी और फोन पर बातें करने लगे। तभी भूरे बाल वाला एक युवक उनके पास आया और एक जरूरी फोन करने के लिए उनसे मदद मांगी। जिस पर मददगार ओम प्रकाश ने युवक को अपना फोन दे दिया। युवक फोन मिलाने लगा और मौका पाते ही ओम प्रकाश की जेब में रखे सात हजार रुपए व मोबाइल लेकर रफूचक्कर हो गया। ओम प्रकाश ने शोर मचाया तो आस-पास खड़े लोग मदद को आए लेकिन तब तक उचक्का गलियों में गुम हो गया। जिसके बाद पीडि़त द्वारा कोतवाली पुलिस को जानकारी दी गई। पीडि़त का आरोप है कि कोतवाली में उससे पुलिस कर्मियों ने पूछताछ तो बहुत की परंतु मुकदमा नहीं दर्ज किया। पीडि़त की मदद करने की बजाए पुलिस कर्मी ओम प्रकाश को अपनी सुरक्षा अपने हाथ करने की नसीहत दे डाली। जिसके बाद निराशा ओम प्रकाश बैरंग घर लोट गया। वहीं मामले पर कोतवाली पुलिस जांच के बाद रिपोर्ट दर्ज करने की बात कह रही है।

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