मुलायम सिंह यादव खेमे को पटखनी देने के लिए अखिलेश खेमा हर दांव अपनाने को तैयार है। लिहाजा, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव कांग्रेस के साथ गठबंधन की रणनीति को अंतिम रूप दे रहे हैं। उधर, राहुल गांधी ने भी उत्तर प्रदेश के प्रभारी गुलाम नबी आजाद को गठबंधन के लिए बातचीत करने के लिए कह दिया है।
शुरुआती तौर पर अखिलेश खेमे ने कांग्रेस को संदेश दिया है कि जिन सीटों पर कांग्रेस नंबर एक, दो और तीन पर रही है वही सीटें कांग्रेस को दी जाएगी। अखिलेश खेमा संकेत दे रहा है कि वह कांग्रेस को 100 सीटें देने के लिए तैयार नहीं है। उसके फार्मूले के अनुसार कांग्रेस 70 से 80 सीटों की दावेदार बन सकती है। गौरतलब है कि कांग्रेस की ओर से 100 सीटें मांगने की बात सामने आ रही थी।
मुलायम के बिना समाजवादी पार्टी का भविष्य बन रहे अखिलेश यादव कांग्रेस को साथ लेने के लिए तैयार हैं। अखिलेश खेमे का कहना है कि अखिलेश खेमे के पास साइकिल आये या न आये। मगर वह कांग्रेस के साथ गठबंधन करेगा। अखिलेश खेमे को लग रहा है कि भले उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का कोई खास वजूद न हो मगर वह राष्ट्रीय पार्टी है।
मुलायम के बिना समाजवादी पार्टी का भविष्य बन रहे अखिलेश यादव कांग्रेस को साथ लेने के लिए तैयार हैं। अखिलेश खेमे का कहना है कि अखिलेश खेमे के पास साइकिल आये या न आये। मगर वह कांग्रेस के साथ गठबंधन करेगा। अखिलेश खेमे को लग रहा है कि भले उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का कोई खास वजूद न हो मगर वह राष्ट्रीय पार्टी है।
हालांकि अखिलेश खेमा सीटों को लेकर नरमी बतरने के लिए मूड में नहीं है। अखिलेश खेमे के एक सूत्र ने बताया कि उनके पास 229 विधायकों का साथ है। वहीं 11-14 निर्दलीय विधायक भी साथ हैं। इसलिए सपा का 240 सीटों पर तो अकेेले दावा है। इस पर कांग्रेस से कोई बातचीत नहीं होगी। वहीं कांग्रेस के पास 28 सीटें थी। इसलिए कांग्रेस और सपा के बीच इन सीटों को छोड़कर बची 135 सीटों पर ही गठजोड़ की बातचीत हो सकती है।
कपिल सिब्बल ने नहीं लिए अखिलेश खेमे से फीस
साइकिल पर छिड़े विवाद के मामले में चुनाव आयोग में अखिलेश खेमे की आरे से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता और कांग्रेस सांसद कपिल सिब्बल ने कोई फीस नहीं ली है। अखिलेश खेमे की ओर से बताया गया है कि सिब्बल ने अखिलेश से राजनीतिक रिश्ते और कांग्रेस के साथ चुनावी गठबंधन की संभावना को देखते हुए कोई पैसा नहीं लिया है। सिब्बल देश के सबसे महंगे वकीलों में से एक हैं।