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हैप्पी बर्थडेः यूपी की सियासत में अखिलेश के साथ डिंपल का भी बढ़ रहा कद

dimple-yadav_1484459741यूपी की राजनीति के लिए आज का दिन बहुत खास है। यूपी के सबसे बड़े राजनीतिक घराने की बहू और यूपी सीएम अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव का आज जन्मदिन है। 15 जनवरी 1978 को महाराष्ट्र के पुणे में डिंपल यादव का जन्म हुआ था। यह एक संयोग मात्र ही है कि आज यूपी की पूर्व सीएम मायावती का भी जन्मदिन है।
 राजनीतिक विश्लेषकों की मानें, तो मायावती एक ऐसी शख्सियत हैं जिनका राजनीतिक सफर अपनी ढलान पर है, तो वहीं डिपल यादव को लोग राजनीति का नया उभरता चेहरा मान रहे हैं। यूपी के यादव परिवार में छिड़ी इस महाजंग में डिंपल यादव अपने पति अखिलेश यादव के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।

डिंपल यादव से जुड़े करीबी सूत्रों की मानें तो यादव परिवार में जारी महासंग्राम के बीच डिंपल यादव को बड़ी राजनीतिक जिम्मेदारी मिलने जा रही है। 

वो नारे जो बदलेंगे यूपी चुनाव की आबोहवा

बाप से बगावत कर अपनी ताकत दिखा चुके अखिलेश यादव अपनी पत्नी डिंपल यादव को यूपी चुनाव में स्टार प्रचारक के तौर पर उतारने जा रहे हैं। हालांकि यह तो वक्त ही बताएगा कि डिंपल यादव अखिलेश के लिए कितनी लकी साबित होती हैं, लेकिन आज हम आपको डिंपल यादव से जुड़े कुछ ऐसे नारे बता रहे हैं, जो आगामी यूपी विधानसभा चुनाव में जमकर गूंजने वाले हैं।
 
यूपी की राजनीति में नारों का रहा है इतिहास
चुनाव के वक्त नारों की कितनी अहमियत होती है इसका अंदाजा आप यूपी के राजनीतिक इतिहास से लगा सकते है। 90 के दशक में जब बाबरी विध्वंस की घटना हुई थी उस वक्त बीजेपी का नारा था ‘बच्चा बच्चा राम का, जन्मभूमि के काम का’ इस नारे ने बीजेपी के लिए गजब काम किया, लेकिन इसके बाद सपा-बसपा ने मिलकर एक नारा दिया ‘मिले मुलायम कांशीराम, हवा हो गए जय श्रीराम’। इस नारे ने प्रदेश में राम मंदिर की लहर को काफी हद तक रोकने का काम किया था।

‘विकास की चाबी डिंपल भाभी’

‘विकास की चाबी डिंपल भाभी’ यूपी चुनाव में इस बार सबसे ज्यादा इसी नारे का इस्तेमाल होने वाला है। पूरा नारा ‘विकास का पहिया अखिलेश भइया, विकास की चाबी डिंपल भाभी’ है। आपको बता दें कि डिंपल यादव उस वक्त चर्चा में आई थीं, जब उन्होंने 2014 में संसद में महिला सशक्तिकरण पर चर्चा में भाग लिया था और महिलाओं के अधिकारों के बारे में बोला था।

‘अखिलेश भइया के काम को, डिंपल भाभी अंजाम दो’

24 नवंबर 1999 को अखिलेश ने डिंपल से लव-मैरिज की। हालांकि पहले तो दोनों परिवार इस लव मैरिज के खिलाफ थे, लेकिन बाद में दोनों के प्यार के आगे परिवार को झुकना पड़ा। खुद एक ब्रांड बन चुके अखिलेश यादव इस बार पत्नी डिंपल यादव के चेहरे पर भी चुनाव लड़ने जा रहे हैं। अखिलेश यादव के समर्थक डिंपल यादव के लिए कई तरह के नारे लगा रहे हैं। ‘अखिलेश भइया के काम को, डिंपल भाभी अंजाम दो’ 

‘डिंपल जी ने ठाना है अखिलेश को आगे बढ़ाना है’

सैनिक परिवार से ताल्लुक रखने वाली डिंपल यादव अनुशासन पसंद है और महिलाओं के अधिकारों को लेकर हमेशा सजग रहती हैं। विश्लेषकों की मानें तो इस बार का यूपी चुानव विकास के मुद्दे पर लड़ा जाएगा। ऐसे में डिंपल यादव महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर जनसमर्थन हासिल कर सकती हैं। डिंपल यादव के समर्थकों ने इसकी पूरी तैयारी भी कर ली है। तभी तो उनके लिए ‘डिंपल जी ने ठाना है अखिलेश को आगे बढ़ाना है’ नारा बुलंद किया जा रहा है।

महिलाओं की शान में डिंपल भाभी मैदान में’

रैलियों व जनसभाओं में खुद डिंपल यादव ‘कहो दिल से अखिलेश फिर से’ का नारा देती सुनी जा सकती हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि यादव परिवार की सबसे ताकतवर बहू डिंपल यादव पति अखिलेश से सलाह मशविरा करने से बाद ताबड़तोड़ रैलियां करने वाली हैं। माना यह भी जा रहा है कि अगर अखिलेश-कांग्रेस का गठबंधन हुआ तो डिंपल यादव-प्रियंका गांधी के साथ मंच साझा कर सकती हैं। हालांकि डिंपल की शान में नारे लगाने के लिए उनके समर्थक तैयार हैं। एक के बढ़कर एक नारा लिखा जा रहा है। ‘महिलाओं की शान में डिंपल भाभी मैदान में’
 
 

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