सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अजय भट्ट को बनाया 'उत्तरांचल' का 'मुख्यमंत्री!


वहीं कार्यक्रम में उस वक्त अजीब सी स्थिति पैदा हो गई, जबकि अपने संबोधन में सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंचासीन प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट को यशस्वी मुख्यमंत्री बोल दिया। भट्ट ने ही उनका ध्यान इस त्रुटि की ओर आकर्षित किया।
राजनीतिक कारणों से दर्ज मुकदमे होंगे वापस
सरकार ने राजनीतिक कारणों से दर्ज सभी मुकदमों को वापस लेने का फैसला किया है। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ये एलान किया। इस फैसले से न सिर्फ बीजेपी कार्यकर्ताओं-नेताओं पर दर्ज मुकदमों की वापसी का रास्ता खुल गया है, बल्कि तमाम ऐसे लोगों को भी लाभ मिलने की उम्मीद है, जिनका किसी राजनीतिक दल से ताल्लुक नहीं रहा है।
सीएम के एलान के बाद अब ये ब्यौरा उपलब्ध कराया जा रहा है कि कितने लोगों पर ऐसे मुकदमे दर्ज हैं। मगर इनकी संख्या सैकड़ों में मानी जा रही है।
बीजेपी ने अपने स्थापना दिवस पर बृहस्पतिवार को जगह-जगह कार्यक्रम आयोजित किए। महानगर इकाई की ओर से आयोजित कार्यक्रम में सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का अभिनंदन किया गया।
शराबबंदी फिलहाल संभव नहीं
उन्होंने राज्य की खराब आर्थिक हालत का भी जिक्र किया। साथ ही भरोसा दिलाया कि इस स्थिति के बावजूद विकास की रफ्तार को कम नहीं होने दिया जाएगा। प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने इस मौके पर कहा कि पार्टी भारत की बेहतरी के जिस सपने को लेकर आगे बढ़ रही है, उसे अभी पूरा होना बाकी है।
इस मौके पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता और विधायक हरवंश कपूर, गणेश जोशी, सहदेव पुंडीर आदि का अभिनंदन भी किया गया। कार्यक्रम में भाजपा के जिला अध्यक्ष उमेश अग्रवाल, महामंत्री राजेंद्र ढिल्लो, उपाध्यक्ष ज्योति गैरोला, सुनील उनियाल, संजय कुमार आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने फिर कहा है कि मौजूदा स्थिति में शराबबंदी करना संभव नहीं है। मगर इसे नियंत्रित करने के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि शराब के प्रति लोगों की भावनाओं से सरकार अवगत है, मगर तत्काल शराबबंदी संभव नहीं है। उन्होंने ये भी जानकारी दी कि प्रदेश में चल रहे अवैध बूचड़खानों को तुरंत बंद करने के निर्देश दिए गए हैं।