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लखनऊ में एटीएस से मुठभेड़ में मारा गया आतंकी, देखें पूरा….

terrorist_1488910543राजधानी लखनऊ के ठाकुरगंज इलाके की हाजी कॉलोनी के एक मकान में छिपे आतंकी सैफुल्ला को एटीएस ने देर रात मार गिराया। इसके सा‌थ ही ये ऑपरेशन खत्म हो गया। मंगलवार शाम करीब 4 बजे शुरू हुआ ऑपरेशन रात करीब ढाई बजे खत्म हो गया। ऑपरेशन को यूपी पुलिस व एटीएस की टीम ने अंजाम दिया।
ऑपरेशन खत्म होने के बाद एडीजी लॉ एंड ऑर्डर दलजीत‌ सिंह चौधरी ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने मीडिया से बातचीत में बताया कि संदिग्‍ध एक ही था। मकान की जांच में एटीएस को एक ही व्यक्ति की लाश मिली।पुलिस की कोशिश आतंकी को जिंदा गिरफ्तार करने की थी, लेकिन आतंकी के लगातार फायरिंग करते रहने से इसमें कामयाबी नहीं मिली। एटीएस ने मिर्ची बम व आंसू गैस का भी इस्तेमाल किया लेकिन आतंकी ने किसी भी तरह से समर्पण करने से इनकार कर दिया। जिसके बाद एटीएस दीवार तोड़कर अंदर गई और आतंकी को मार गिराया।

इसके पहले आईजी एटीएस असीम अरुण के नेतृत्व में कमांडो टीम और राजधानी पुलिस के अधिकारी मंगलवार करीब साढ़े तीन बजे हाजी कॉलोनी पहुंचे। मकान की चारों तरफ से घेराबंदी करके अधिकारियों ने वहां रह रहे एक परिवार को सुरक्षित बाहर निकाला। इस बीच आतंकी ने खुद को कमरे में बंद कर फायरिंग की। उन पर काबू पाने के लिए एटीएस के कमांडो ने आंसू गैस के गोले छोड़े और जवाबी फायरिंग भी की।

एटीएस को हाजी कॉलोनी में आतंकी के छिपे होने की खबर कानपुर के जाजमऊ क्षेत्र से पकड़े गए फैजल नाम के आतंकवादी ने दी थी। यह भी पता चला था कि हाजी कॉलोनी में छिपे आतंकवादी के पास एसएलआर और एके-47 जैसे अत्याधुनिक असलहे और गोला-बारूद है।

इस इनपुट के बाद एटीएस के आईजी अपनी टीम लेकर हाजी कॉलोनी मस्जिद के बगल में स्थित मकान पहुंच गए।

पहली बार लाइव एनकाउंटर, एटीएस और पुलिस ने घेरा

काकोरी की हाजी कॉलोनी में मंगलवार की दोपहर साढ़े तीन बजे के पहले तक सबकुछ सामान्य था। अचानक से धूड़ उड़ातीं कारें मस्जिद से पहले गली में रुकती हैं। सफेद शर्ट पर काले रंग की बुलेटप्रूफ जैकेट पहने आईजी एटीएस असीम अरुण नीचे उतरते हैं। ऑटोमेटिक गन लिए कमांडो आसपास फैल गए। आईजी एटीएस ने कुछ इशारे किए…।  फौरन टीम दो हिस्सों में बंट गई।

एक टीम मस्जिद के बगल से होते हुए पड़ोस के मकान के गेट पर पहुंची और पोजीशन ले ली जबकि दूसरी ने इसी मकान के पिछले हिस्से की घेराबंदी कर ली। लगभग दस मिनट टोह लेने के बाद एटीएस की टीम ने मकान में दाखिल होने की कोशिश की। धांय…धांय…।

दो राउंड गोलियां चलकर खामोश हो जाती हैं। गोलियों की आवाज गूंजी तो इलाके में दहशत फैल गई। आस-पड़ोस के लोगों ने मकान के खिड़की-दरवाजे बंद कर लिए और भीतर दुबक गए।

छतों और बालकनी में बैठे लोग कमरों में चले गए। मस्जिद खाली हो गई। गलियों के नुक्कड़ में खड़े लड़के शोर मचाते हुए भागने लगे। आईजी जोन ए. सतीश गणेश और एसएसपी मंजिल सैनी के अलावा एनआईए और आईबी की टीम भी मौके पर पहुंच चुके थे।

कभी एक-दो तो कभी बर्स्ट फायर

यह था लखनऊ का पहला लाइव एनकाउंटर। गोलियों की आवाजें, कभी एक-दो तो कभी बर्स्ट फायर। बुलेटप्रूफ जैकेट पहने कमांडो हाथों में खुली पिस्टलें लेकर मकान में आ-जा रहे थे। मकान के बाहर तैनात पुलिसकर्मी पिस्टलें निकालकर तैयार खड़े थे।

मकान के भीतर से रुक-रुककर गोलियों की आवाजें आ रही थीं। क्या हो रहा था किसी को कुछ नहीं पता था। गोलियां चलतीं तो लोग दीवार की तरफ भागते। कोई पेड़ के पीछे छिप जाता तो कोई झाड़ियों के पीछे लेट जाता। गोलियों की आवाज से इलाके में हड़कंप मच गया।

जान बचाने को छत की ओर भागी बच्ची
ठाकुरगंज, काकोरी, माल, मलिहाबाद सहित कई थानों की पुलिस फोर्स बुलवा ली गई। चूंकि मकान में एक अन्य परिवार भी रहने की सूचना मिली थी, इसलिए एटीएस के आईजी ने कमांडो टीम को फायरिंग न करने के आदेश दे रखे थे।

गोलियों की आवाज से मकान में रहने वाले अन्य लोग दहशत में आ गए। केयरटेकर और एक युवक तथा करीब 14 साल की एक बच्ची जान बचाने के लिए छत की तरफ भागे और दरवाजा बंद कर लिया। इस बीच आधे घंटे की मशक्कत के बाद एटीएस के कमांडो किसी तरह मकान के भीतर दाखिल हुए।

देखते ही देखते हजारों जुट गए

कोई बना रहा था वीडियो तो कोई खींचने लगा फोटो
कमांडो टीम और पुलिस खुद को कमरे में बंद किए आतंकी को बाहर निकालने की कोशिश कर रही थी। प्रयास यह भी था कि आतंकी को जिंदा पकड़ लिया जाए। इस बीच लाइव एनकाउंटर की खबर मिलते ही मकान के आसपास इलाकाई लोगों की भीड़ जुट गई।

देखते ही देखते आठ से दस हजार लोग चारों तरफ एकत्र हो गए। लोग अपने मोबाइल से लाइव एनकाउंटर की वीडियो बनाने और फोटो खींचने लगे। अपने परिचितों को फोन कर लाइव अपडेट्स देते रहे।

ऑपरेशन शुरु होते ही हाई अलर्ट

हाजी कॉलोनी में मंगलवार दोपहर आतंकी को पकड़ने के लिए ऑपरेशन शुरू होते ही डीजीपी जावीद अहमद ने प्रदेश में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया। अलर्ट घोषित होते ही सभी जिलों की पुलिस ने सीमाओं पर वाहनों की जांच संदिग्धों से पूछताछ शुरु कर दी।

सभी एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और बस अड्डे पर सतर्कता बढ़ा दी गई। वहीं बिना जांच के किसी भी यात्री को जाने नहीं दिया गया।

एयरपोर्ट पर पैनी निगाहें
एयरपोर्ट पर यात्रियों पर नजर रखी जा रही है। एयरपोर्ट निदेशक पीके श्रीवास्तव के निर्देशन में सीआईएसएफ के जवानों ने मुख्य प्रवेश द्वार पर बैरिकेडिंग कर वाहनों की पड़ताल की। डॉगस्क्वॉयड और बम निरोधक दस्ते सक्रिय हो गए।

सीआईएसएफ के कमांडेंट ने एयरपोर्ट के प्रशासनिक भवन, पैसेंजर हाल और रनवे का निरीक्षण किया।

ट्रेनों से लेकर प्लेटफॉर्म तक निगरानी

चारबाग के उत्तर और पूर्वोत्तर रेलवे के स्टेशनों पर आरपीएफ और जीआरपी केजवानों ने मोर्चा संभाल लिया। चारबाग स्टेशन पर आरपीएफ इंस्पेक्टर गुलशन सतीजा और जीआरपी इंस्पेक्टर सुशील कुमार सिंह के नेतृत्व में जवानों ने तलाशी अभियान शुरू किया।

वहीं पूर्वोत्तर रेलवे केस्टेशन पर आरपीएफ इंस्पेक्टर राहुल श्रीवास्तव और जीआरपी चौकी प्रभारी अमर सिंह ने तलाशी अभियान चलाया। शाम चार बजे के बाद स्टेशन से गुजरने वाली हर ट्रेनों की पड़ताल की गई। वहीं चारबाग बस स्टेशन पर भी पुलिस ने यात्रियों की पड़ताल की गई।

सीमाओं पर नाकेबंदी, सड़क पर देर रात तक गश्त
जिले की सभी बाहरी सीमाओं पर नाकेबंदी कर दी गई। सभी प्रमुख मार्गों पर पुलिस देर रात तक गश्त करती रही। फैजाबाद रोड पर इंदिरानहर केपास  बैरियर लगाकर तलाशी ली गई। सीतापुर रोड पर इटौंजा सीमा, हरदोई, रायबरेली, निगोहां, सुल्तानपुर रोड पर पर जांच की गई।

होटलों व लॉज में भी चला अभियान
पुलिस ने एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और बस अड्डे के आसपास के सभी होटलों और लॉजों की भी तलाशी अभियान चलाया गया। जिस्टर में दर्ज नामों से परिचय पत्र का मिलान कराया गया।

 
 

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