लखनऊ. गैंगरेप के आरोपी गायत्री प्रजापति मामले में उनके दोनों बेटों को हिरासत में लिया गया है। लखनऊ पुलिस ने 3 आरोपियों रुपेश, विकास वर्मा, पिंटू उर्फ अमरेंद्र सिंह को अरेस्ट किया है। गायत्री के दोनों बेटों पर इन आरोपियों को छिपाने का आरोप है। बता दें, गायत्री प्रजापति पर एक महिला से गैंगरेप और उसकी बेटी से सेक्शुअल हैरेसमेंट का आरोप है। वे यूपी में हुए विधानसभा चुनाव में अमेठी सीट से हार गए थे। पीड़िता का दर्ज किया गया था बयान…
– मामले में सीजेएम कोर्ट में पीड़िता का बयान दर्ज कराया गया था। इस दौरान मामले की जांच कर रही सीओ आलमबाग अमिता सिंह भी मौजूद थीं।
– बता दें, गायत्री के खिलाफ एक महिला ने आरोप लगाया था कि प्रजापति और उनके साथियों ने दो साल तक उसका गैंगरेप किया। साथ ही उसकी बेटी का भी यौन शोषण किया।
– महिला ने इसकी शिकायत भी की थी, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नही हुई। इसके बाद पीड़िता सुप्रीम कोर्ट पहुंची। कोर्ट ने तुरंत मंत्री के खिलाफ रेप और पॉस्को एक्ट के तहत केस दर्ज करने का ऑर्डर दिया था।
– महिला ने इसकी शिकायत भी की थी, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नही हुई। इसके बाद पीड़िता सुप्रीम कोर्ट पहुंची। कोर्ट ने तुरंत मंत्री के खिलाफ रेप और पॉस्को एक्ट के तहत केस दर्ज करने का ऑर्डर दिया था।
प्रजापति से 3 साल पहले हुई थी मुलाकात
– सूत्रों के मुताबिक, महिला ने अपनी शिकायत में कहा था कि गायत्री के एक करीबी ने उसकी मुलाकात करीब 3 साल पहले गायत्री से कराई थी। महिला का आरोप है कि मंत्री ने उसकी चाय में नशीला पदार्थ मिलाकर बेहोशी की हालत में उसके साथ रेप किया था।
– महिला ने आरोप लगाते हुए कहा था कि गायत्री ने घटना की तस्वीरें भी ली थीं। साथ ही, प्रजापति ने उसको कई बार तस्वीरों के जरिए ब्लैकमेल करते हुए रेप किया था।
– सूत्रों के मुताबिक, महिला ने अपनी शिकायत में कहा था कि गायत्री के एक करीबी ने उसकी मुलाकात करीब 3 साल पहले गायत्री से कराई थी। महिला का आरोप है कि मंत्री ने उसकी चाय में नशीला पदार्थ मिलाकर बेहोशी की हालत में उसके साथ रेप किया था।
– महिला ने आरोप लगाते हुए कहा था कि गायत्री ने घटना की तस्वीरें भी ली थीं। साथ ही, प्रजापति ने उसको कई बार तस्वीरों के जरिए ब्लैकमेल करते हुए रेप किया था।
गायत्री को अखिलेश ने किया था बर्खास्त
– सितंबर 2016 में सीएम अखिलेश यादव ने पहली बार करप्शन के आरोपों का सामना कर रहे गायत्री प्रजापति और राजकिशोर सिंह को बर्खास्त कर दिया था।
– दरअसल, गायत्री खनन मंत्री थे और उन पर खनन मंत्री रहते हुए अवैध खनन की गतिविधियों में शामिल रहने का आरोप है। गायत्री और खनन विभाग के अफसरों पर सीबीआई का शिकंजा कसने का संकेत मिलते ही सीएम अखिलेश ने उन्हें बर्खास्त कर दिया था।
– हालांकि, बाद में मुलायम सिंह यादव के कहने पर गायत्री की पार्टी में वापसी हो गई थी। बता दें कि प्रजापति को मुलायम सिंह यादव का करीबी माना जाता है।
– सितंबर 2016 में सीएम अखिलेश यादव ने पहली बार करप्शन के आरोपों का सामना कर रहे गायत्री प्रजापति और राजकिशोर सिंह को बर्खास्त कर दिया था।
– दरअसल, गायत्री खनन मंत्री थे और उन पर खनन मंत्री रहते हुए अवैध खनन की गतिविधियों में शामिल रहने का आरोप है। गायत्री और खनन विभाग के अफसरों पर सीबीआई का शिकंजा कसने का संकेत मिलते ही सीएम अखिलेश ने उन्हें बर्खास्त कर दिया था।
– हालांकि, बाद में मुलायम सिंह यादव के कहने पर गायत्री की पार्टी में वापसी हो गई थी। बता दें कि प्रजापति को मुलायम सिंह यादव का करीबी माना जाता है।