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पूर्व मंत्री अखिलेश हुए सख्त, पार्टी की तरफ से शिवपाल को मिल सकती है सजा

cycle-1_647_121915092434पूर्व मंत्री और सपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव के खिलाफ समाजवादी पार्टी कार्रवाई कर सकती है। सपा के जिला व महानगर अध्यक्षों तथा प्रदेश कार्यकारिणी की बृहस्पतिवार को हुई बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के नेतृत्व में भरोसा जताया गया। कई नेताओं ने साजिश करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इस पर अखिलेश ने कहा, गलतफहमी से पार्टी को नुकसान हो रहा है। लगता है, इसे दूर करने के लिए सख्त कदम उठाना पड़ेगा। माना जा रहा है कि उनका इशारा शिवपाल की तरफ था।  
अखिलेश ने कहा कि गलतफहमी दूर करने के लिए सख्त कदम उठाना पड़ेगा। प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम की अध्यक्षता में प्रदेश मुख्यालय के लोहिया सभागार में हुई बैठक में प्रदेश सचिव राजपाल सिंह ने पार्टी के खिलाफ साजिश करने वालों के खिलाफ प्रस्ताव रखा। 

शिवपाल का नाम लिए बगैर कहा कि विधानसभा चुनाव और बाद में भ्रम की स्थिति पैदा की जा रही है कि कुछ वरिष्ठ नेता अलग पार्टी बना सकते हैं। इससे न सिर्फ अनुशासनहीनता फैलाने की कोशिश की जा रही है बल्कि पार्टी की छवि को भी धक्का लग रहा है। 

उन्होंने कहा, महानगर व जिला अध्यक्ष तथा प्रदेश कार्यकारिणी अखिलेश यादव के सक्षम नेतृत्व में आस्था जताती है और उनकी अगुवाई में सपा के विस्तार के लिए कार्य करने का संकल्प लेती है। सभी ने हाथ उठाकर प्रस्ताव का समर्थन किया। 

बैठक में सभी को सपा के संशोधित संविधान की प्रतियां भी दी गईं। इस दौरान रामगोविंद चौधरी, अहमद हसन, राजेंद्र चौधरी, बलराम यादव, अभिषेक मिश्र, अरविंद कुमार सिंह, राजकुमार मिश्र, डॉ. मधु गुप्ता, एसआरएस यादव, कर्नल सत्यवीर सिंह, डॉ. फिदा हुसैन अंसारी खास तौर पर मौजूद रहे। 

ईवीएम की जांच हो

अखिलेश ने कहा कि मध्य प्रदेश और बहराइच में ईवीएम की गड़बड़ियां सामने आ चुकी हैं। सवाल उठा है तो ईवीएम की जांच होनी चाहिए। भविष्य में बैलेट पेपर से चुनाव होने चाहिए। 
परिवार का झगड़ा भी हार की एक वजह
अखिलेश ने कहा, एक वरिष्ठ पत्रकार ने मुझे बताया कि परिवार का झगड़ा भी हार का एक कारण है। पिता मुलायम सिंह व चाचा शिवपाल सिंह की तरफ इशारा करते हुए बोले, मैंने एक कार्यक्रम में कहा था कि मेरी बात समझोगे लेकिन सब कुछ बिगड़ जाने के बाद। पता नहीं अब क्या चाहते हैं। 
 
कर्जमाफी कहीं छलावा न बन जाए
सपा मुखिया ने कहा कि भाजपा के अधिकतर नेताओं ने अपनी सभाओं में किसानों की कर्जमाफी का वादा किया था। अब फसली ऋण माफ करने की बात हो रही है। बहुत सारे किसान इससे छूट गए हैं। कहीं कर्जमाफी छलावा बनकर न रह जाए। गांव-गांव जाकर ये बातें बतानी पड़ेंगी। 
 
क्या ये देंगे देशभक्ति का सर्टिफिकेट
अखिलेश ने कहा, मीट मुस्लिम भी खाते हैं और हिंदू भी। स्लॉटर हाउस हिंदुओं के भी हैं। क्या खाते हैं, क्या पहनते हैं, इससे सब चीजें तय नहीं होतीं। कहा कि खुद हिंदू-मुस्लिम की बात करते हैं, हमें सेकुलर बताकर गाली देते हैं। क्या इनसे देशभक्ति का सर्टिफिकेट लेना होगा। इनसे कम राष्ट्रवादी कौन है?

लोकतंत्र में चक्र घूमता है

अखिलेश ने पार्टी नेताओं से कहा कि चुनाव परिणामों से निराश न हों। हमारे सामने अब 2019 का लक्ष्य है। भाजपा सरकार की जन विरोधी निर्णयों के खिलाफ संघर्ष के लिए तैयार रहना है। उन्होंने 15 अप्रैल से 15 जून तक चलने वाले सदस्यता अभियान में जुटने और नगर निगम व अन्य नगरीय निकायों की तैयारी शुरू करने पर जोर दिया। निकाय चुनाव सिम्बल पर लड़ने या न लड़ने को लेकर अलग-अलग राय रही। इस बारे में राष्ट्रीय अध्यक्ष फैसला करेंगे।
अखिलेश ने कहा, भाजपाइयों ने चुनाव में धन के खर्च की सारी सीमाएं तोड़ दी थीं। कानून-व्यवस्था के बारे में भाजपा सरकार को जवाब देना होगा। राज्य में बलात्कार, हत्याओं और लूट की वारदातों में वृद्धि हुई है। कहा, भाजपा सत्ता का दुरुपयोग न करे। लोकतंत्र में चक्र घूमता रहता है। यह बात सभी को ध्यान में रखनी होगी।
 
मुलायम, शिवपाल का जिक्र नहीं, आजम रहे गैरहाजिर
बैठक में मुलायम सिंह या शिवपाल पर परोक्ष रूप से निशाना साधा गया लेकिन किसी ने उनका नाम नहीं लिया। विधानमंडल दल की बैठक के बाद आजम खां जिला अध्यक्षों व प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में भी गैरहाजिर रहे। सचिवालय में इस बाबत पूछने पर उन्होंने कहा, मुझे बैठक की कोई जानकारी नहीं थी। कोई सूचना भी नहीं दी गई थी।  
 
 

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