पहाड़ की पीड़ा ने मैदानी इलाके के डॉक्टर को बनाया ‘पहाड़ी’

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Pradesh Jagran21 Oct 2016 10:40 AM GMT

सुदूरवर्ती क्षेत्रों में तो पलायन का दंश इतना गहरा है कि कई गांव पूरी तरह से वीरान हो गए हैं। इसकी वजह गांवों में शिक्षा और रोजगार की समस्या के साथ ही छोटे-मोटे उपचार के लिए मीलों की दौड़ है। पहाड़ की ये पीड़ा देखकर लखनऊ से यहां की खूबसूरत वादियों के दीदार को आए डॉ. राजीव गर्ग यहीं के होकर रह गए।
डॉ. गर्ग लोगों का निशुल्क इलाज करने के साथ ही उनके हर सुख-दुख में शरीक होते हैं। पहाड़ से पलायन करने वालों को उनका संदेश अर्न, लर्न बट रिर्टन का है।
लखनऊ के रहने वाले डॉक्टर राजीव गर्ग ने कानपुर मेडिकल कालेज से एमएस की डिग्री ली और लखनऊ में चौक पर अपना अस्पताल खोला।
करीब 20 साल अस्पताल चलाने के बाद करीब तीन साल पहले वह चमोली आ गए। यहां आने के बाद वो यहीं के होकर रह गए और उन्होंने जोशीमठ ब्लाक के बडागांव से लोगों का निशुल्क इलाज शुरू कर दिया जो आज भी जारी है।
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