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निजी अस्पताल बोले, नहीं लेंगे हम ये नोट, हमारी मर्जी, मोदी क्या करेंगे?

तबीयत खराब है तो निजी अस्पतालों का रुख करने से पहले ये खबर पढ़ लीजिए। 500 और 1000 के नोट बंद होते ही निजी अस्पतालों के सुर बदल गए हैं। 

_1478695652कई प्राइवेट अस्पतालों ने बुधवार को 500 और 1000 के नोटों को लेने से मना कर दिया। इसके चलते मरीजों और तीमारदारों को परेशानियों का सामना करना पडा। डलहौजी रोड स्थित चिकित्सा अस्पताल में स्टाफ ने 100 रुपये के नोट की मांग करते हुए कहा कि तभी वह मरीजों को दाखिल करेंगे। अस्पताल में पहुंचे रोहित ने बताया कि वह अपनी बहन रीना को इलाज के लिए लेकर आया था। 

अस्पताल वालों ने उससे 500 की जगह 100 रुपये के नोट देने के लिए कहा। उनके पास खुले पैसे न होने के कारण परेशान होना पडा। इसके साथ ही संदीप सिंह अपनी पत्नी के उपचार के लिए आया था जिससे 200 रुपये की फीस लेने के लिए उससे भी खुले पैसों की मांग की गई। इस दौरान जब मीडिया कवरेज करने के लिए यहां पहुंची तो मरीजों से 500 के नोट लिये जाने लगे और उनका उपचार होना शुरू हो गया। वहीं मरीजों ने यह भी बताया कि अस्पताल वाले 500 के बदले 450 रुपये देने की बता कर रहे थे। 

इस संबंध में जब अस्पताल के मालिक डॉ. नवनीत डोगरा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि 500 और 1000 रुपये के नोट न लेना उनकी मर्जी है। सरकार के निर्देश सरकारी अस्पतालों और सरकारी संस्थानों पर लागू होते हैं हम पर नहीं। फिर भी अगर कोई ज्यादा सीरियस है तो  उसके बारे में कुछ सोच सकते हैं। 

 
 
 
 

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