....तो क्या उत्तराखंड को लगता रहेगा सालाना 36 करोड़ से अधिक फटका


बीते करीब डेढ़ साल से दोनों परिवहन निगमों में वार्ता के लिए कई बार प्रयास हुए, लेकिन हर बार वार्ता विफल ही रही। दोनों राज्यों में बीजेपी की सरकार होने के कारण फिर से बातचीत के प्रयास हुए। संभावना जगी कि अक्तूबर के अंतिम सप्ताह में दोनों परिवहन निगमों के बीच सहमति बन जाएगी। लेकिन, ऐन समय पर फिर से वार्ता टल गई और उत्तराखंड परिवहन निगम के अरमानों पर पानी फिर गया।
इस तरह उत्तराखंड को हो रहा नुकसान
अगर यूपी और उत्तराखंड के बीच करार हो जाता है तो यह राशि उत्तराखंड परिवहन निगम के मुनाफे में तब्दील हो जाएगी। उत्तर प्रदेश से आने वाली बसों के फेरे में यूपी परिवहन निगम हर वर्ष करीब 15 प्रतिशत इजाफा करता है। जिसके कारण उत्तराखंड परिवहन निगम को काफी नुकसान हो रहा है। वहीं, उत्तर प्रदेश परिवहन निगम मुनाफे के चक्कर में अनुबंध नहीं कर रहा है।
दोनों प्रदेश के परिवहन निगमों के बीच अनुबंध की कवायद जारी है। हालांकि, अभी अनुबंध नहीं हो सका है, लेकिन उम्मीद है जल्द ही समझौता होगा।