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गोमती नदी में पांच यूवक डूबे, मूर्ति विसर्जन के दौरान हुआ हादसा

gomti-riverलखनऊ : राजधानी लखनऊ की मशहूर गोमती नदी में मूर्ति विसर्जन को दौरान नाव पलटने का मामला सामने आया है। नाव पलटने से पांच युवक डूब गए। पांच घंटे तक गोताखोर न आने से गुस्साए घर वालों ने सड़क पर जाम लगा दिया। प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच कहासुनी भी हुई। पुलिस ने जबरदस्ती जाम हटवाने की कोशिश की तो प्रदर्शनकारियों ने पथराव कर दिया। कई गाड़ियां तोड़ डाली।

इसमें चार पुलिसकर्मियों समेत कई लोग घायल हो गए। इस पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर सबको खदेड़ दिया। गोताखोरों की मदद से देर शाम पुलिस को दो युवकों के शव नदी में मिल गए थे। अन्य तीन युवकों की नदी में तलाश की जा रही थी। ठाकुरगंज के शेखपुर कालोनी में बजरंगबली मंदिर के पास शुक्रवार की रात ग्रामीणों ने आपसी सहयोग से भगवती जागरण का आयोजन किया था। शनिवार को ग्रामीण मूर्ति विसर्जन के लिए आईआईएम रोड स्थित घैला पुल के पास नदी में पहुंचे। इनमें शामिल अर्पित (20), पिंटू (24), छोटू (26), बलराम (17) और अहिंसा दल के जिला अध्यक्ष दीपू लोधी (28) नाव पर मूर्ति लेकर नदी के बीच पहुंचे। इस बीच ही नाव अनियंत्रित होकर पलट गई जिससें नाविक व ये पांचों लोग पानी में बहने लगे। नाविक तैरना जानता था, लिहाजा वह तैर कर बाहर आ गया पर बाकी का कुछ पता नहीं चला।

इस हादसे से वहां चीख पुकार मच गई। आनन-फानन पुलिस को सूचना दी गई। घर वाले भी बदहवाश से वहां पहुंच गए। ठाकुरगंज व मड़ियांव पुलिस सीमा विवाद में उलझीघर वालों ने बताया कि घटना के तुरन्त बाद ही डॉयल-100 पर सूचना दी गई। कुछ देर में ही वहां मड़ियांव पुलिस पहुंची। पुलिस ने बिना कोई कार्रवाई करे ही इसे ठाकुरगंज थाने का मामला बता कर पल्ला झाड़ लिया। जब यहां ठाकुरगंज पुलिस पहुंची तो उसने भी वही रवैया अपनाया। ठाकुरगंज पुलिस ने तुरन्त मदद करने की बजाए पूरा मामला काकोरी पुलिस के पाले में डालने की कवायद शुरू कर दी। इस पर बवाल बढ़ने लगा तो दोनों थानों की पुलिस ने अपने अफसरों को बताया।
 

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