उत्तराखंड में हुआ भयंकर वज्रपात, तीन की मौत सात गंभीर रूप से झुलसे


मौसम खराब होने के कारण अन्य घायलों को हेलीकॉप्टर से नहीं पहुंचाया जा सका। एसडीआरएफ की टीम ने स्थानीय लोगों की मदद से इन घायलों और मारे गए लोगों के शवों के मोरी पहुंचाया। हादसे में मौंडा निवासी परमानंद और किशन सिंह बाल-बाल बच गए। इन दोनों ने ही हादसे की सूचना प्रशासन को दी।
चांगसिल बुग्याल में हुआ वज्रपात
इनमें से मौंडा निवासी चमन, बलावट निवासी जगदीश सिंह और जितेंद्र सिंह को हेलीकॉप्टर से सीएचसी पुरोला पहुंचाया गया है। अन्य घायलों को लेने के लिए देहरादून से हेलीकाप्टर पहुंचा, लेकिन मौसम खराब होने के कारण लैंडिंग नहीं कर पाया।
बाद में एसडीआरएफ की टीम ने स्थानीय लोगों की मदद से अन्य घायलों और हादसे में मारे गए लोगों के शवों कोे मोरी सीएचसी पहुंचाया।
ओलावृष्टि बारिश से फसलें बर्बाद
पोखरी क्षेत्र के गांवों में एक घंटे हुई ओलावृष्टि से सब्जियां और धान की फसल चौपट हो गई। गोपेश्वर में भी दोपहर बाद एक घंटे तक मूसलाधार बारिश हुई। नंदप्रयाग, घाट और पीपलकोटी में भी बारिश से ठंडक लौट आई है।
इधर, लैंसडौन में शुक्रवार शाम तेज आंधी और मूसलाधार बारिश से नगर का जनजीवन अस्त व्यस्त रहा। जगह-जगह पेड़ सड़क, बिजली और फोन लाइनों पर गिरे पड़े थे। इससे बिजली और दूरसंचार की व्यवस्था 18 घंटों तक बाधित रही।