Breaking News

आवश्यक सूचना: प्रदेश जागरण के सभी निर्गत परिचय पत्र निरस्त किये जा चुके हैं | अगस्त 2022 के बाद के मिलने या दिखने वाले परिचय पत्र फर्जी माने जाएंगे |

आज से साढ़े पांच घंटे में लखनऊ से पहुंचे दिल्ली

kanpur600822-11-2014-09-48-99nलखनऊ : देश का सबसे लंबा ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे (लखनऊ-आगरा 302 किलोमीटर) शुक्रवार को जनता के लिए खोल दिया जाएगा। इस एक्सप्रेसवे के जरिये लखनऊ से आगरा तक की दूरी छह घंटे के बजाय महज साढ़े तीन घंटे में पूरी की जा सकेगी। इस तरह लखनऊ से दिल्ली की दूरी पांच से छह घंटे में तय की जा सकेगी। इससे पहले यमुना एक्सप्रेस वे (165) देश का सबसे लंबा एक्सप्रेस वे था। लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे का उद्घाटन अभी हाल ही में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने किया था। इसके करीब एक महीने बाद जनता को समर्पित किया जा रहा है। यह एक्सप्रेसवे एक्सेस कंट्रोल होगा। यानी इसमें निर्धारित स्थान के अलावा कहीं और से वाहन नहीं आ सकेंगे।

कानपुर में अरौल के पास से इस एक्सप्रेसवे पर जाया जा सकता है। इस पर 100 से 150 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से वाहन दौड़ सकेंगे। एक्सप्रेस वे आगरा से शुरू होकर फीरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, औरैया, कन्नौज, हरदोई, कानपुर नगर और उन्नाव होते हुए लखनऊ तक पहुंचेगा। एक्सप्रेस वे के किनारे बसे गांवों, शहरों और कस्बों में विकास की गति तेज होगी। एक्सप्रेसवे के किनारे बनने वाली कृषि मंडियों, लॉजिस्टिक पार्क से कृषि उपज और माल ढुलाई में सहजता होगी।

इसलिए है खास

302 किलोमीटर लंबा और छह लेन है। (भविष्य में आठ लेन तक किया जा सकता)। 13 हजार करोड़ की लागत से बना है यह एक्सप्रेस वे। सड़क पर आवाजाही में कोई रुकावट न हो इसका विशेष ध्यान रखते हुए 132 फुट ओवरब्रिज और गांव व कस्बों की सुविधा के लिए 59 अंडर पास दिए गए हैं।

  • 23 महीने के रिकॉर्ड समय में बनकर तैयार हुआ है एक्सप्रेस वे।
  • एक्सप्रेस वे को एयरस्ट्रिप के तौर पर बनाया गया है। उद्घाटन के मौके पर एयरफोर्स के मिराज और सुखोई फाइटर एयरक्राफ्ट ने एक्सप्रेसवे पर टच डाउन किया था।
  • एक्सप्रेस वे पर एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लगाया जाएगा। साइड बैरिकेडिंग में आधुनिक रिफ्लेक्टिव पेंट भी होगा। इससे दुर्घटना और ट्रैफिक जाम की समस्या नहीं होगी।
  • एक्सप्रेसवे के किनारे मैनपुरी और कन्नौज में वीआईपी मंडियां भी बनाई जा रही हैं।
  • एक्सप्रेसवे शुरू होने से कृषि, हैंडीक्राफ्ट, पर्यटन और दूध के कारोबार की तरक्की के रास्ते खुलेंगे।
  • इसके दोनों किनारे पर ग्रीन बेल्ट को बनाने के लिए करीब तीन लाख पौधे लगाए जाएंगे।
 

Leave a Reply

Your email address will not be published.