Breaking News

आवश्यक सूचना: प्रदेश जागरण के सभी निर्गत परिचय पत्र निरस्त किये जा चुके हैं | अगस्त 2022 के बाद के मिलने या दिखने वाले परिचय पत्र फर्जी माने जाएंगे |

पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव: SC ने पलटा हाईकोर्ट का आदेश, कहा- निर्विरोध सीटों के नतीजे घोषित करें!

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को पलटते हुए पश्चिम बंगाल की तृणमूल सरकार को बड़ी राहत दी। कोर्ट ने पंचायत चुनाव की निर्विरोध जीती गई लगभग 20,158 सीटों पर हुए चुनावों के नतीजे जारी करने का फैसला सुनाया है। पंचायत चुनाव में इन लगभग 20,158 सीटों को लेकर विवाद था और चुनाव को रद्द करने की मांग की गई थी, लेकिन अब सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य निर्वाचन आयोग को नतीजे जारी करने का आदेश दे दिया है।

निर्विरोध जीती गईं सीटों पर नहीं होगा दोबारा चुनाव- SC

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट करते हुए कहा कि निर्विरोध जीती गई सीटों पर दोबारा पंचायत चुनाव नहीं होंगे। कोर्ट ने कहा कि जिस तरह के आरोप लगाए गए कि नामांकन दाखिल नहीं करने दिया गया, उसके लिए 30 दिनों के भीतर चुनाव याचिका दाखिल की जा सकती है।

SC ने रद्द किया कलकत्ता हाईकोर्ट का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के ईमेल से नामांकन दाखिल करने के आदेश को रद्द किया। कोर्ट ने कहा कि ईमेल या व्हाट्सएप्प से नामांकन नहीं हो सकता क्योंकि ये कानून में नहीं है। हालांकि, पिछली सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने संकेत दिया था कि अदालत जांच करेगी कि क्या बिना विरोध चुनाव होना चुनाव की निष्पक्षता को नष्ट करता है या नहीं।

ममता सरकार ने पुन: चुनाव पर जताई थी आपत्ति

उस दौरान ममता सरकार ने दोबारा चुनावों का विरोध करते हुए कहा था कि बीजेपी की राज्य में कोई उपस्थिति नहीं है। राज्य सरकार ने कहा कि चुनाव में हिंसा दोबारा मतदान के लिए आधार नहीं हो सकता। अन्यथा हर उम्मीदवार जिसके पास जीतने का कोई मौका नहीं है, वह हिंसा कराकर चुनाव रोक सकता है।

टीएमसी पर लगा था उम्मीदवारों को पीटने का आरोप

वहीं, सीपीएम और बीजेपी ने तर्क दिया कि उनके उम्मीदवारों पीटा गया और नामांकन दाखिल करने से रोका गया। उन्होंने कहा कि तथ्य यह है कि 20,000 से अधिक टीएमसी उम्मीदवारों को विजेता घोषित करने की मांग की जा रही है, जो विपक्षी दलों के लोकतांत्रिक अधिकारों को प्रभावित करता है। पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग ने फिर से चुनावों का विरोध किया।

क्या था पूरा विवाद?

दरअसल, ग्राम पंचायतों में 48,650 पदों, जिला परिषदों में 825 पद और पंचायत समितियों में 9, 217 पदों के लिए चुनावों में चुनाव हुए थे और आरोप लगाया गया कि लगभग 34 प्रतिशत सीटों पर विपक्ष से कोई प्रत्याशी नहीं था। ग्राम पंचायत, जिला परिषद और पंचायत समिति के लिए कुल 58,692 सीटों में से 20,158 पर TMC के उम्मीदवार निर्विरोध जीते थे। जिसको लेकर विपक्षी पार्टियों ने आपत्ति जताते हुए पुन: चुनाव कराए जाने की अपील की थी। बीजेपी और सीपीएम ने आरोप लगाया था कि पंचायत चुनाव के दौरान उनके उम्मीदवारों को नामांकन नहीं करने दिया गया और उन्हें पीटा गया।