बाराबंकी। घाघरा नदी का जलस्तर सोमवार को खतरे के निशान के करीब पहुंच चुका है। नदी के करीब बसे गांव के लोग अब पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं। इसको देखते हुए जिला प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है और लोगों को तटवर्ती क्षेत्रों का निरीक्षण कर रही हैं।
घाघरा नदी का जलस्तर दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है। सोमवार को जलस्तर का खतरे के निशान तक जा पहुंचा है। नदी के बढ़ते जल स्तर से जनपद के सिरौलीगौसपुर, रामनगर और फतेहपुर तहसील में घाघरा नदी से आने वाली बाढ़ से ग्रामीणों में दहशत का महौल बना हुआ है। सिरौलीगौसपुर के टेपरा गांव के लगभग आधा दर्जन घर और सैकडों बीघा खेती की जमीन को घाघरा ने अपने आगोश मे लें लिया है। यहां के लोग अपने घरों को खाली कर सुरक्षित स्थानों पर पलायन करने को मजबूर हैं। इसके अलावा भी कई गांव में बाढ़ का पानी घुसने लगा है, जिससे वहां भी बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।
ग्रामीणों का कहना है कि हर साल बाढ़ का पानी आता है और खेतों के साथ घरों को भी निगल जाता है। खेत नहीं रहेंगे तो उनकी जीविका कैसे चलेगी। ग्रामीणों प्रशासन से इस समस्या का स्थाई समाधान करने की मांग कर रहे हैं। ग्रामीण जमीन का पट्टा दिलाने के साथ ही कृषि योग्य जमीन का भी पट्टा दिया जाने की मांग कर रहे हैं।
जिलाधिकारी डॉ. आदर्श सिंह ने बताया कि घाघरा नदी की बाढ़ से निपटने की पूरी तैयारी है। बाढ़ का पानी बढ़ने के बारे में तटवर्ती गांवों को सतर्क किया जा रहा है। बाढ़ से राहत एवं बचाव के लिए संबंधित विभागों की टीमें सक्रिय हैं। सभी संवेदनशील जगहों का निरीक्षण किया जा रहा है। कटर और ठोकरों का निर्माण किया जा चुका है। बाढ़ से प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव की तैयारी की जा रही है।