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गोला गोकर्णनाथ:चढ़ाये हुए फूलों से बनेगी अगरबत्ती

देव श्रीवास्तव/गोला गोकर्णनाथ-खीरी|
शहर में करीब दो दर्जन से अधिक मंदिर व शिवालय हैं। जहां से प्रतिदिन कई क्विंटल फूल आदि इधर-उधर फेंके जाते हैं। इससे शहर में एक ओर जहां गंदगी व प्रदूषण फैलता है वहीं दूसरी ओर भक्तों की श्रद्धा का मखौल उड़ता है। इसको लेकर छोटी काशी संघर्ष समिति ने अर्पित पुष्प आदि के निस्तारण का वीणा उठाते हुए मुहिम को रंग देना शुरू कर दिया है। समिति के इस संघर्ष के शुरुआती पल भी बेहद संतोषजनक है। समिति के इस अभियान पर क्षेत्रीय विधायक ने हरसंभव सहायता के लिए आश्वासन भी दिया है। समिति के पदाधिकारियों ने पौराणिक तीर्थ छोटी काशी गोला के शिव मंदिर में प्रतिदिन अर्पित होने वाले फूल, पुष्प आदि को इधर उधर फेंके जाने के बजाए प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की तर्ज पर यहां भी इन फूल पुष्पों से अगरबत्ती बनाए जाने की मांग करते हुए व्यवस्था बनाए जाने की मांग को रंग देना शुरू कर दिया है। सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजे पत्र में समिति के पदाधिकारियों लोकेश व महेश पटवारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश के जिला खीरी में गोला गोकर्णनाथ छोटी काशी के नाम से विख्यात धर्म स्थल है। छोटी काशी में कई मंदिरों की धरोहर है। हां के प्राचीन शिव मंदिर सहित अन्य देवालयों में प्रतिदिन कई क्विंटल पुष्प, बेलपत्र, भांग आदि भक्तों द्वारा देवों प्रतिमाओं का पूजन अर्चन करने के बाद अर्पित की जाती है। 

पांच से पचास क्विंटल तक निकलता है वेस्ट मैटीरियल

शहर के पौराणिक शिवालय में यू तो प्रतिदिन भक्तों श्रद्वालुओं द्वारा चढाई जाने वाली पूजन सामग्री का मलबा औसतन ढाई से तीन क्विंटल तक होता है। जबकि सावन मेला, चौती मेले सहित विभिन्न माहों व पर्वों पर यह औसत बढकर दस क्विंटल तक हो जाता है। इधर सावन माह में मंदिर से निकलने वाली यह वेस्ट सामग्री करीब चालिस से पचास क्विंटल तक पहुंच जाती है। 
क्षेत्रीय विधायक ने दिया हरसंभव सहयोग का आश्वासन 
मंदिर से निकलने वाली इस वेस्ट सामग्री की रिसाईकिलिग कर धूपबत्ती व अगरबत्ती बनाने के लिए छोटी काशी संघर्ष समिति की सार्थक पहल पर क्षेत्रीय विधायक अरविंद गिरि ने समिति के पदाधिकारियों से वार्ता कर समस्या का समुचित हल निकालने के लिए हरसंभव सहयोग के साथ शासन स्तर से मिलने वाले अनुदान के लिए साझा प्रयासों के साथ भूमि आदि की उपलब्धता पूरी किए जाने का आश्वासन दिया है। 

अन्य देव स्थानों की तर्ज पर रिसाईकिलिग के प्रयास तेज 

मंदिर से निकलने वाली पूजन की वेस्ट मैटीरियल की रिसाईकिलिग कर राजस्थान के खाटू श्याम मंदिर, झारखंड की राजधानी रांची में पहाडी वाले शिव मंदिर आदि से धूपबत्ती, अगरबत्ती आदि बनाने का कार्य किया जा रहा है। वहीं प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के विख्यात मंदिरों से निकलने वाली पूजन की वेस्ट सामग्री से अगरबत्ती, धूपबत्ती आदि बनाने की योजना क्रियान्वन में है।