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वरुण गांधी अपने संसदीय क्षेत्र के दौरे पर, दी बड़ी सौगात

आज अपने संसदीय क्षेत्र के दौरे पर गए वरुण गांधी ने बड़ी सौगात देने के साथ वहां मौजूद लोगों को राष्ट्रीयता के भी अवगत कराया। वह आज अपने संसदीय क्षेत्र सुल्तानपुर के दौरे पर थे।

सुल्तानपुर में वरुण गांधी ने महिला अस्पताल के साथ पांच प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और सांसद निधि से बनीं 42 सड़क का लोकापर्ण किया। इनके साथ उन्होंने पंडित राम नरेश त्रिपाठी सभागार में अपनी पुस्तक ए रूरल मेनिफेस्टो का विमोचन किया। यह पुस्तक उन्होंने करीब दो वर्ष के शोध के बाद लिखी है।

वरुण गांधी ने इस अवसर पर लोगों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि यह सत्य है कि अगर गांव बढ़ेगा तो देश बढ़ेगा। हम सभी को मिलकर गांवों को आगे बढ़ाना है। यहां पर लोग बड़ी संख्या में रहते हैं, यहां का विकास ही सच्चा विकास होगा। वरुण गांधी ने कहा कि देश का किसान बेहद ईमानदारी से काम करता है। अभी तक का मेरा यह अनुभव है कि देश के 80 प्रतिशत किसानों ने अगर बैंक से कर्ज लिया है तो उसको चुकाया भी है। दूसरी ओर उद्योगपति पैसा लेकर भाग गए हैं। अब उनको तलाशा जा रहा है।

वरुण गांधी ने कहा कि हमको देश के साथ प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर भी बेहतर करना होगा। उन्होंने कहा कि मुझे पता चला है कि देश में 81 प्रतिशत आइएएस अधिकारी सरकारी स्कूल में पढ़कर सामने आए हैं। अब तो लोगों का जोर निजी स्कूलों में अधिक है। निजी स्कलों में फीस अधिक है, इसके बाद भी लोग उसकी ओर आकर्षित हैं। देश के सिर्फ 17 प्रतिशत लोग ही महंगी फीस देकर अपने बच्चों को वहां पर पढ़ा सकते हैं। यह भी पता चला है कि वहां पर शिक्षा का स्तर उतना अच्छा नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने इन स्कलों में 25 प्रतिशत बच्चों को प्रवेश देने को कहा है, इसके बाद भी सिर्फ 20 फीसद सीट बढ़ी गई है। मेरी किताब में इन्ही सब समस्याओं का समाधान किताब में हैं। उन्होंने कहा कि जो पोस्ट ग्रेजुएट अपने को बेरोजगार बताते हैं। अगर वह गांव में जाकर पढ़ाएं तो एक दिन में टीचरों की कमी पूरी हो जाएगी।

वरुण गांधी ने कहा कि हमारे पड़ोसी बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था एशिया की सबसे तेज गति से बढ़ती अर्थव्यवस्था बन गई है। वहां पर लोग केवल कपड़ों पर व्यवसाय करते हैं। हमारे देश में भी राष्ट्रीय रोजगार नीति बननी चाहिए। अगर एक लाख रुपये हैंडलूम में लगे तो 24 नौकरी पैदा होती है। अगर लोहे पर 24 लाख लगाएं तो एक नौकरी पैदा होती है तो हमें किस ओर चलना चाहिए। उन्होंने कहा कि पहले प्रदेश के भदोही में रोजगार मेला लगता था आज सूना है। उन्होंने कहा कि उद्योगपति का पैसा भी अगर समाज के आखिरी व्यक्ति तक पहुंचता तो आज देश की दशा कुछ और होती।

वरुण गांधी ने कहा कि देश में पेटिशन मुकदमा सिस्टम आना चाहिए। मतलब अगर क्षेत्र के लाखों लोग उस पर साइन करें तो उस पर सदन में चर्चा होनी चाहिए। यही लोकतंत्र है। अगर एक लाख लोग साइन करें और उस पर चर्चा हो तभी डेमोक्रेसी सही है। यही सिस्टम मैं देश में कराना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि राजनीति में भ्रष्टाचार के मैं सख्त खिलाफ हूं। मुझे कोई माई का लाल नहीं बोल सकता कि मैंने एक रुपया किसी से रिश्वत लिया है। क्या सौ सांसद ऐसी हिम्मत दिखा सकते हैं कि उन्हींने एक रुपये रिश्वत नहीं ली। जो ऐसा कर रहा है वो देश का गद्दार है।