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विधि विधान से किया मालिक ने तोते का अंतिम संस्कार, छपवाया तेरहवीं का कार्ड

यूपी के अमरोहा जनपद से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है, जिसको सुनकर आप दंग रह जाएंगे. आपने इंसान की मौत के बाद उसका अंतिम संस्कार और तेहरवीं तो देखी होगी, लेकिन तोते की मौत के बाद इंसान की तरह तोते का अंतिम संस्कार और तेरहवीं नहीं देखी होगी. अमरोहा के हसनपुर क्षेत्र में तोते की मौत के बाद पहले उसके मालिक ने उसका रीति-रिवाज के साथ अंतिम विदाई की. इसकेबाद बाकायदा तेहरवीं के कार्ड छपवाकर अपने रिश्तेदारों और परिचितों को बांटे,रविवार को तेरहवी की सभी रस्में हिंदू रीति रिवाज से संपन्न हो गयी.

तोते का किया अंतिम संस्कार

दरअसल,यूपी के अमरोहा जिले के हसनपुर में रहने वाले पंकज कुमार मित्तल ने 5 मार्च को अपने तोते की मौत के बाद रविवार को भोज और हवन का आयोजन किया.पेशे से टीचर मित्तल ने बताया कि पं 5 साल पहले उन्होंने इस तोते को गोद लिया था.2013 में जब वे छत पर टहल रहे थे, तब चील के पंजे से छूटकर तोता छत पर आ गिरा था.’वो उड़ नहीं पा रहा था, क्योंकि उसके पैर जख्मी थे.’इसके बाद उन्होंने उसकी मरहम पट्टी की और फिर तोता उनके बीच परिवार के सदस्य की तरह रहने लगा.

करवाया गया तेरहवीं भोज

मित्तल परिवार ने मृत तोते का तर्पण गंगा घाट में किया और वहां रीति-रिवाज के अनुसार, तोते के गुजर जाने के बाद उन्होनें पहले पूजा-अर्चना की. इसके बाद प्रार्थना सभा का आयोजन भी किया.तोते की मौत पर न केवल हिंदू रीति रिवाज से उसका अंतिम संस्कार कराया गया, बल्कि रिश्तेदारों को तेरहवीं के भोज का न्योता तक दिया गया. इसके लिए बाकायदा कार्ड छपवाए गए.