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मंगल ग्रह पर अब बनेगा आशियाना, मिली पानी की झील

मंगल ग्रह पर आशियाना बनाने का सपना जल्द पूरा होने जा रहा है. क्योंकि हालहि में मंगल ग्रह की सतह पर पानी तरल अवस्था में देखा गया है जो जीवन के लिये सबसे अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है. इससे मंगल ग्रह पर जीवन की उपस्थिति की संभावना पैदा हो गयी है.

अमेरिकी साइंस जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में अनुसंधानकर्ताओं ने कहा है कि मंगल ग्रह पर यह झील बर्फ की एक चादर के नीचे पाई गई है और करीब 20 किमी में फैली है. मंगल पर पाई गई यह सबसे बड़ी झील है. इस झील की खोज यूरोपियन स्पेस एजेंसी के मार्स एक्सप्रेस ऑर्बिटर से भेजे गए रडार मार्सिस की मदद से की गई. इसे 2003 में प्रक्षेपित किया गया था. मार्सिस को लाल ग्रह की सतह पर पानी की खोज के लिए ही लगाया गया था. इटली के रिसर्चर रोबर्टों ओरोसेई ने मई 2012 से दिसंबर 2015 तक के गहन रिसर्च के बाद इस झील की खोज की. ओरोसेई के अनुसार मंगल के दक्षिणी हिमखंड के नीचे यह झील मौजूद है.

पीने लायक नहीं

वैज्ञानिकों के अनुसार मंगल झील का यह पानी पीने लायक नहीं है. यह 1.5 किमी मोटी बर्फ के नीचे है. यह बेहद ठंडा है, जो जीवन के अनुकूल नहीं है. कुछ वैज्ञानिकाें को पानी के इस झील के बावजूद मंगल पर जीवन को लेकर संदेह है, क्योंकि झील बेहद ठंडी और खारी है. इसमें नमक खनिज मिले हुए हैं. शुद्ध पानी के फ्रीजिंग प्वाइंट से ज्यादा ठंडा होने के बावजूद मंगल झील का यह पानी बर्फ नहीं बना है. इसकी वजह इसमें मैग्नीशियम, कैल्शियम अौर सोडियम की मौजूदगी है. ऑस्ट्रेलियाई एस्ट्रोनॉमिकल ऑब्जर्वेटरी फ्रेड वाटसन ने कहा, “इस खोज का असाधारण महत्व है और लाल ग्रह पर जीवन की मौजूदगी को लेकर संदेह को बल मिलता है.’

मंगल ग्रह का पर्यावरण बहुत कुछ पृथ्वी से मिलता-जुलता है. यह ठंडा और बंजर ग्रह है. खगोल वैज्ञानिकों के अनुसार 3.6 अरब वर्ष पूर्व मंगल पर झील और काफी मात्रा में पानी था.