Breaking News

आवश्यक सूचना: प्रदेश जागरण के सभी निर्गत परिचय पत्र निरस्त किये जा चुके हैं | अगस्त 2022 के बाद के मिलने या दिखने वाले परिचय पत्र फर्जी माने जाएंगे |

कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के वॉकआउट के बावजूद लोकसभा में पास हुआ ट्रिपल तलाक बिल

नई दिल्ली। तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) को रोकने के मकसद से लाया गया ‘मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक-2018’ लोकसभा में पास हो गया। गुरुवार को सदन में बिल पर चर्चा के दौरान सरकार और विपक्ष के बीच जबरदस्त घमासान हुआ और शाम को इससे जुड़े संशोधन प्रस्तावों पर वोटिंग हुई। वोटिंग में इसके पक्ष में 245 और विरोध में 11 वोट पड़े।

बिल पर वोटिंग से पहले कांग्रेस और AIADMK ने वॉकआउट किया। कांग्रेस के सांसद मांग कर रहे थे कि ट्रिपल तलाक बिल को जॉइंट सलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाए, लेकिन ऐसा नहीं होने के बाद विरोध में उन्होंने वॉकआउट किया।

कांग्रेस के वॉकआउट करने के बाद सपा, आरजेडी, एनसीपी, तृणमूल कांग्रेस, टीडीपी, अन्नाद्रमुक, टीआरएस, एआईयूडीएफ ने भी सदन से वॉक आउट किया।

विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इसे राजनीति के तराजू पर तौलने की बजाय इंसाफ के तराजू पर तौलने की जरूरत है। उनकी सरकार के लिए महिलाओं का सशक्तिकरण वोट बैंक का विषय नहीं है। उन्होंने कहा कि हम मानते हैं कि महिलाओं का सम्मान होना चाहिए।

प्रसाद ने विधेयक को संयुक्त प्रवर समिति को भेजने की विपक्ष मांग को खारिज किया। उन्होंने कहा कि इसे प्रवर समिति को भेजे जाने की मांग के पीछे एक ही कारण है कि इसे आपराधिक क्यों बनाया गया।

उन्होंने कहा कि संसद ने 12 साल से कम उम्र की बालिका से बलात्कार के मामले में फांसी की सजा संबंधी कानून बनाया। क्या किसी ने पूछा कि उसके परिवार को कौन देखेगा। दहेज प्रथा के खिलाफ कानून में पति, सास आदि को गिरफ्तार करने का प्रावधान है। जो दहेज ले रहे हैं, उन्हें पांच साल की सजा और जो इसे प्रात्साहित करते हैं, उनके लिए भी सजा है। इतने कानून बने, इन पर तो सवाल नहीं उठाया गया।

इस दौरान केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा था कि जब इनके पास मौका था तो वो महिलाएं जो प्रताड़ित की जा रही थीं तो ये लोग उनके पक्ष में क्यों नहीं खड़े हुए। 477 बहनें ऐसी है जो सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी ट्रिपल तलाक की शिकार हुई हैं। यदि किसी बहन के साथ ऐसा हो तो हमारी जिम्मेदारी है उसे न्याय दिलाना।

ईरानी ने कहा कि इस देश ने वो मंजर भी देखा जब ये कहा गया कि अगर दहेज लिया या दिया जाता है तो इसमें सरकार का क्या काम, लेकिन वो खत्म हुआ।