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नवाबों के शहर जाकर जरूर करें ये 7 काम, नहीं तो आपका आना है बेकार

अगर आप यूपी में रहते हैं और गर्मियों में घूमने का प्लान बना रहे हैं तो एक बार सूबे की राजधानी जरूर घूमने आइएगा. क्योंकि यूँ तो नवाबों का शहर लखनऊ अपनी खूबसूरती और विभिन्न ऐतिहासिक स्थलों के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है लेकिन यहाँ का अवधी खान-पान भी इस शहर को अलग पहचान देता है. लखनऊ खाने के पसंदीदा लोगों के लिए जन्नत माना जाता है.

बड़ा इमामबाड़ा

यूँ तो नवाबों का शहर लखनऊ अपनी खूबसूरती और विभिन्न ऐतिहासिक स्थलों के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है लेकिन यहाँ का अवधी खान-पान भी इस शहर को अलग पहचान देता है. लखनऊ खाने के पसंदीदा लोगों के लिए जन्नत माना जाता है.

टुंडे कबाब

खाने के शौकीनों के लिए लखनऊ का मतलब टुंडे कबाब भी है. वैसे तो टुंडे कबाब के नाम से लखनऊ भर में ढेरों आउटलेट्स हैं लेकिन असली टुंडे कबाब की दुकान चौक पर है. हां, इस दुकान तक पहुंचने के लिए आपको संकरी और भीड़-भाड़ वाली गलियों से गुजरना होगा. कहा जाता है कि ये कबाब बिना दांतों वाले नवाब के लिए बनाए थे और इनमें 120 मसाले डाले जाते हैं.

चिकनकारी

लखनऊ की चिकनकारी कढ़ाई देश-विदेश में मशहूर है. आप जब भी लखनऊ जाएं वहां से चिकनकारी वाले कपड़े खरीदना न भूलें. यहां पर आपको चिकन के सूट, साड़ी, कुर्ते और अनारकली मिल जाएंगे.

टोकरी चाट

स्‍ट्रीट फूड के मामले में लखनऊ से बेहतर कोई जगह नहीं है. यहां कोने-कोने पर आपको चाट के ठेले मिल जाएंगे और यकीन मानिए कि क्‍वालिटी और टेस्‍ट में कोई किसी से कम नहीं. टिक्‍की, गोलगप्‍पे के अलावा लखनऊ टोकरी चाट के लिए भी मशहूर है. इस टोकरी चाट में एक टोकरी में छोटे उबले आलू, स्‍प्राउट्स, अनार के दाने, दही, सोंठ, पुदीने की चटनी और बहुत कुछ होता है. यहां आप मटर चाट, दही भल्‍ला और पापड़ी चाट का भी लुत्‍फ उठा सकते हैं.

ब्रिटिश रेजीडेंसी

हालांकि लखनऊ में अब ब्रिटिश रेजीडेंसी जैसा कुछ बचा नहीं है लेकिन‍ फिर भी यहां जाकर चहलकदमी करने से आपको गुजरे जमाने की याद आ जाएगी. अंग्रेजों के जमाने में यह ब्रिटिश जनरल का घर था जो नवाबों की अदालत में ब्रिटिश सरकार का प्रतिनिधित्‍व किया करता था.

रूमी दरवाज़ा

लखनऊ में मुगल आर्किटेक्‍चर का एक और बेहतरीन उदाहरण है रूमी दरवाज़ा. इस खूबसूरत जगह को देखकर आपको मुगल काल में लखनऊ की शानो-शौकत क्‍या रही होगी इसका अंदाजा हो जाएगा. रूमी दरवाज़ा 60 फीट लंबा है. कहा जाता है कि इस्‍तांबुल के महान दरवाज़े को ध्‍यान में रखकर रूमी दरवाज़ा बनाया गया था.