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आज का पंचांग: जानिए आज का शुभाशुभ मुहूर्त और राहुकाल!

हिन्दू पंचांग के अनुसार मंगलवार का दिन कैसा रहेगा। कौन सा शुभ योग बन रहा है और किस समय पड़ रहा राहुकाल। तिथि विशेष और शुभाशुभ मुहूर्त कब है, जानिए आज का पंचांग प्रदेश जागरण पर…

* पंचांग मंगलवार, 21 अगस्त 2018*
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सूर्योदय: 05:57
सूर्यास्त: 06:52
चन्द्रोदय: 15:21
चन्द्रास्त: 26:01
अयन दक्षिणायन (उत्तरगोले)
ऋतु: ?वर्षा
शक सम्वत: 1940 (विलम्बी)
विक्रम सम्वत: 2075 (विरोधकृत)
युगाब्द: 5120
मास: श्रावण
पक्ष: शुक्ल
तिथि: एकादशी (पूर्ण रात्रि)
नक्षत्र: मूल – 24:34 तक
योग: विष्कुम्भ (16:03 तक)
प्रथम करण: वणिज
द्वितीय करण: विष्टि

*॥ गोचर ग्रहा:॥*
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सूर्य सिंह
चंद्र धनु
मंगल मकर
बुध कर्क (मार्गी)
गुरु तुला
शुक्र कन्या
शनि धनु
राहु कर्क
केतु मकर

*शुभाशुभ मुहूर्त विचार*
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अभिजित मुहूर्त: 11:53 – 12:45
अमृत काल: 17:24 – 19:11
होमाहुति: शनि
अग्निवास: पृथ्वी
भद्रावास: पाताल (18:26 से पूर्ण रात्रि)
दिशा शूल: उत्तर में
चन्द्र वास: पूर्व
दुर्मुहूर्त: 08:26 – 09:18
राहुकाल: 15:34 – 17:11
राहु काल वास: पश्चिम
यमगण्ड: 09:05 – 10:42

*उदय-लग्न मुहूर्त:*
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05:51 – 07:51 सिंह
07:51 – 10:09 कन्या
10:09 – 12:30 तुला
12:30 – 14:49 वृश्चिक
14:49 – 16:53 धनु
16:53 – 18:34 मकर
18:34 – 20:00 कुम्भ
20:00 – 21:23 मीन
21:23 – 22:57 मेष
22:57 – 24:52 वृष
24:52 – 27:07 मिथुन
27:07 – 29:28 कर्क
29:28 – 29:51 सिंह

*चौघड़िया विचार*
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
1- रोग 2- उद्वेग
3- चर 4- लाभ
5- अमृत 6- काल
7- शुभ 8- रोग
॥ रात्रि का चौघड़िया ॥
1- काल 2- लाभ
3- उद्वेग 4- शुभ
5- अमृत 6- चर
7-  रोग 8- काल
नोट- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।

*शुभ यात्रा दिशा*
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उत्तर-पूर्व (दलिया अथवा धनिया का सेवन कर यात्रा करें)

*तिथि विशेष*
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भद्रावास: पाताल (18:26 से पूर्ण रात्रि) तक आदि।

*आज जन्मे शिशुओं का नामकरण*
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आज 21:58 (अगले सूर्योदय) तक जन्मे शिशुओ का नाम मूल द्वितीय, तृतीय, चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (यो, भ, भी) नामाक्षर से रखना शास्त्र सम्मत है। मूल नक्षत्र के चारों चरण गंडमूल के अंतर्गत आते है। इसके के द्वितीय पद में जन्म होने से माता के लिए अशुभ, तृतीय पद में संपत्ति की हानि तथा चतुर्थ पद में शांति कराई जाये तो शुभ फल फलदायी है जन्म से 27 वें जन्म नक्षत्र के दिन नक्षत्र शान्ति करना शास्त्र सम्मत है।