‘जाको राखे साइंया मार सके न कोय’ इस कहावत को चरितार्थ किया है त्रिपुरा का सुपरहीरो कहे जाने वाले स्वप्न देबबर्मा ने. जो सैकड़ों रेलयात्रियों के लिये भगवान बनकर आए थे और उन्होने अपनी जानपर खेलकर सैकड़ों की जान बचाई थी.वहीं अब स्वपन देबबर्मा और उनकी बेटी की बहादुरी को लेकर खिलाड़ी वीरेंद्र सहवाग ने भी ट्वीट कर कहा है कि त्रिपुरा में लोग उन्हें सुपरमैन से लेकर भगवान का अवतार तक बता रहे हैं.
बचाई यात्रियों की जान
Not all superheroes have a cape, some have a towel. Meet Swapan Debbarma who saved a train accident btwn
Ambassa & Agartala.He spotted a derailed track & jumped onto d track,waved his towel,stopped the Train from an accident & saved thousands of lives.Such heroes must be rewarded pic.twitter.com/Q6wFzFvZC3— Virender Sehwag (@virendersehwag) June 19, 2018
किसी फिल्म के सुपरहीरो की तरह रियल लाइफ के सुपरहीरो स्वप्न देब बर्मा ने अपने साहस से और चतुराई से ट्रेन में सवार सैकड़ों लोगों की जान बचाई. इस सुपरहीरो की बहादुरी को सलाम करते हुए त्रिपुरा सरकार अब अगरतला के दिहाड़ी मजदूर स्वप्न देब बर्मा और उनकी बेटी सोमती को सम्मानित करेगी.इन दिनों सोशल मीडिया पर इस घटना से जुड़ा वीडियो भी वायरल हो गया है. वीडियो ने स्वप्न देबबर्मा और उनकी बेटी को लोकप्रिय बना दिया है. इस घटना के बाद से उनके लिए कई पुरस्कारों की घोषणा हुई है.
त्रिपुरा सरकार करेगी सम्मानित
दरअसल स्वप्न देब बर्मा और उनकी बेटी सोमती ने 15 जून को रेलवे ट्रेक को टूटा हुआ देख तौलिया दिखाकर ड्राइवर को ट्रेन रोकने का इशारा कर ट्रेन रुकवाई. इस तरह स्वपन देब बर्मा ने अपनी चतुराई से इतने बड़े हादसे को टाला.यही वजह है कि 21 जून को त्रिपुरा सरकार में मंत्री सुदीप रॉय बर्मन ने स्वप्न देब बर्मा और उनकी बेटी सोमती को उनके किए गए इस साहस भरे काम के लिए सम्मानित किया. मंत्री ने कहा कि दोनों के साहसिक कार्य के विषय को सरकार के समक्ष उठाया जाएगा, जिससे कि इन्हें सम्मानित किया जा सके.
तौलिया दिखाकर रोकी ट्रेन
ऐसे बची थी सैकड़ो लोगों की जान: स्वप्न ने तौलिया दिखाकर ट्रेन को रोकने की कोशिश की, लेकिन इसके बावजूद ट्रेन नहीं रुकी. इसके बाद स्वप्न ट्रेक पर दौड़ने लगा और ट्रेन के लोको पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन रोक दी. जिसके बाद खुलासा हुआ कि ट्रैक टूटा हुआ था और इससे कई लोगों की जान जा सकती थी. वहां मौजूद सबी लोगों ने स्वप्न के इस काम की तारीफ की.