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फिर से बच्चों को हंसाने और गुदगुदाने आ रही है गोपी गवैया बाघा बजैया की कहानी

बच्चों को हंसाने, गुदगुदाने और एक अनोखा संदेश देने के लिए मशहूर कहानी पर बनायी गयी ऐनिमेशन फ़िल्म‌ जीजीबीबी – गोपी गवैया बाघा बजैया इस साल 1 मार्च को रिलीज़ होगी. इस फ़िल्म का निर्देशन किया है शिल्पा रानाडे ने.

ग़ौरतलब है कि इसी साल सत्यजीत रे द्वारा बनायी गयी गोपी गायने, बाघा बायने की रिलीज़ के 50 साल पूरे होने जा रहे हैं. बांग्ला भाषा में गोपी गायने बाघा गायने की मौलिक कहानी सत्यजीत रे के दादाजी उपेंद्रकिशोर रे चौधरी ने लिखी थी.

सत्यजीत रे के बेटे संदीप रे ने कोलकाता में जीजीबीबी देखी और फ़िल्म के संबंध में अपनी राय व्यक्त की.

एक दिन मैं ज़रूर बनाऊंगा

“जब मेरे पिता सत्यजीत रे ने जब अपने परदादा द्वारा लिखी लघुकथा पढ़ी थी तो वो गहरे तक प्रभावित हुए थे. मेरे पिता ने (1930 में बंद हो चुकी) पत्रिका संदेश को पुनर्जीवित किया था और गोपी और बाघा की कहानी वो पहली कहानी थी जिसे 1961 में फिर से प्रकाशित किया था. तब तक वो एक मशहूर फ़िल्ममेकर के रूप में स्थापित हो चुके थे. मैंने एक बार उनसे शिकायत करते हुए कहा था कि उन्हें हम बच्चों के लिए कुछ बनाना चाहिए. तब उन्होंने कहा था – “एक दिन मैं ज़रूर बनाऊंगा”.

इस फ़िल्म की प्लानिंग 1966 में हुई थी और बनने के बाद ये फ़िल्म 1969 में रिलीज़ हुई थी. फ़िल्म बहुत बड़ी हिट साबित हुई थी. ये एक इतनी बेहतरीन कहानी साबित हुई कि दशकों बाद आज भी ये कहानी बेहद लोकप्रिय है.”

इस फ़िल्म का निर्माण चिल्ड्रेंस सोसायटी ऑफ़ इंडिया (सीएफ़एसआई) ने बच्चों की किताबों के लिए मशहूर प्रकाशन समूह कराड़ी टेल्स के साथ मिलकर किया है.

जीजीबीबी को भारत और दुनिया के कई देशों में विभिन्न पुरस्कारों से नवाज़ा जा चुका है. फ़िल्म की निर्देशक शिल्पा रानाडे एक प्रतिष्ठित इलस्ट्रेटर हैं और गुलज़ार द्वारा बच्चों पर लिखी गयी लगभग हर किताब में उन्होंने इलेस्ट्रेटर की भूमिका निभाई है.

संदीप रे की वीडियो