Breaking News

आवश्यक सूचना: प्रदेश जागरण के सभी निर्गत परिचय पत्र निरस्त किये जा चुके हैं | अगस्त 2022 के बाद के मिलने या दिखने वाले परिचय पत्र फर्जी माने जाएंगे |

SC के सभी जजों से विवाद पर होगी मुलाकात, बार काउंसिल ने बनाई 7 सदस्यीय कमेटी

सुप्रीम कोर्ट विवाद फिलहाल खिंचता दिख रहा है. हालांकि बार काउंसिल ने अपनी तरफ से इसे जल्द खत्म करने की तैयारी कर ली है. शनिवार शाम हुई बार काउंसिल की बैठक में बागी जजों के मुद्दों को सुलझाने के लिए 7 सदस्यों की कमिटी का गठन किया गया है. इस कमेटी के सदस्य सभी जजों से बारी-बारी मिलकर हल निकालने की कोशिश करेंगे.

आपको बता दें कि इस विवाद पर बार काउंसिल के सभी सदस्यों ने शनिवार शा‍म को बैठक की. बैठक में यह निर्णय लिया गया कि न्याय प्रणाली को किसी भी तरीके से आघात नहीं पहुंचने दिया जाएगा. बार काउंसिल ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के सभी जजों से सहयोग की अपील की है. बार काउंसिल ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आधे जजों से मिलने का वक्त मिल गया है. इस विवाद को पूरी तरह से जल्द सुलझाने की कोशि‍श हो रही है. साथ ही बार काउंसिल ने नेताओं को इस मामले में राजनीति करने से बचने की सलाह भी दी. साथ ही बार काउंसिल की बैठक में केंद्र सरकार के उस फैसले की तारीफ भी की गई, जिसमें सरकार ने इस मामले में दखल न देने की बात कही थी. बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन मनन कुमार मिश्रा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के जजों के बीच हुए इस विवाद को निपटाने की वे पूरी कोशिश करेंगे.

वहीं सूत्रों के मुताबिक चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा रविवार शाम चारों जजों से मुलाकात कर सकते हैं. जस्टिस चेलमेश्वर के ऑफिस के सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार को जस्टिस चेलमेश्वर के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले बाकी के तीन जज दिल्ली से बाहर हैं, ऐसे में जस्टिस चेलमेश्वर सीजेआई से मिलने को इच्छुक नहीं हैं और ये मुलाकात कल शाम को हो सकती है.

बता दें कि चीफ जस्टिस अपने आवास पर मौजूद हैं. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा को शनिवार सुबह CJI आवास के बाहर उनकी कार में देखा गया. बताया जा रहा है कि प्रधान सचिव का एक सहायक CJI के कैंप ऑफिस गया और मिनटों में ही वापस आ गया, इसके बाद नृपेंद्र मिश्रा की कार वहां से रवाना हो गई. नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि ऑफिस जाते समय वे CJI आवास के गेट पर नए साल का ग्रीटिंग कार्ड देने के लिए रुके थे.

इधर, अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल अपने ऑफिस के लिए निकले हैं. अटॉर्नी जनरल ने शुक्रवार को कहा था कि शनिवार के दिन सभी जजों के साथ मिलकर मामले को सुलझा लिया जाएगा, लेकिन जस्टिस चेलमेश्वर और सीजेआई की शनिवार को मुलाकात न होने पाने के चलते पूरा विवाद खिंचता दिख रहा है.

बता दें कि सवाल उठाने वाले सुप्रीम के चार जजों में जस्टिस चेलमेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ शामिल थे.

 

चार जजों की प्रेस कॉन्फ्रेंस, SC में सबकुछ ठीक नहीं

आपको बता दें कि शुक्रवार सुबह देश में पहली बार न्यायपालिका में असाधारण स्थिति देखी गई. सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा जजों ने मीडिया को संबोधित किया. चीफ जस्टिस के बाद दूसरे सबसे सीनियर जज जस्टिस चेलमेश्वर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कभी-कभी होता है कि देश में सुप्रीम कोर्ट की व्यवस्था भी बदलती है.

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का प्रशासन ठीक तरीके से काम नहीं कर रहा है, अगर ऐसा चलता रहा तो लोकतांत्रिक परिस्थिति ठीक नहीं रहेगी. उन्होंने कहा कि हमने इस मुद्दे पर चीफ जस्टिस से बात की, लेकिन उन्होंने हमारी बात नहीं सुनी.

चारों जजों ने कहा कि अगर हमने देश के सामने ये बातें नहीं रखी और हम नहीं बोले तो लोकतंत्र खत्म हो जाएगा. हमने चीफ जस्टिस से अनियमितताओं पर बात की. उन्होंने बताया कि चार महीने पहले हम सभी चार जजों ने चीफ जस्टिस को एक पत्र लिखा था, जो कि प्रशासन के बारे में थे, हमने कुछ मुद्दे उठाए थे. चीफ जस्टिस पर देश को फैसला करना चाहिए, हम बस देश का कर्ज अदा कर रहे हैं.

जजों ने कहा कि हम नहीं चाहते कि हम पर कोई आरोप लगाए. यह पहली बार है कि सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा जजों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की हो. वहीं इस मामले में अटॉर्नी जनरल के.के वेणुगोपाल ने कहा कि शनिवार को सुप्रीम कोर्ट के जजों के बीच सारी तकरार खत्म हो जाएगी और सारे मामले सुलझा लिए जाएंगे.