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इस खूबसूरत झील में मिलते हैं सिर्फ नर कंकाल, इस वजह से लोग कहते हैं इसे भुतहा…

आज तक आपने कई सारी अलग-अलग रहस्यमयी झीलों के बारे में सुना होगा लेकिन हम आपको आज एक झील के बारे में बता रहे हैं जिसके बारे में सुनकर आपकी भी रूह काँप जाएगी.

देवभूमी के नाम से मशहूर उत्तराखण्ड में कई रहस्य छुपे है जिनका आजतक पर्दाफाश नहीं हो सका है. इस जगह पर ही रुपकुण्ड नाम की एक झील है जिसमे कई रहस्य दफन है.

झील में मिलते हैं सिर्फ कंकाल

ये झील दिखने में बेहद खूबसूरत है लेकिन उतनी ही ज्यादा भुतहा भी है. इस झील में आपको सिर्फ कंकाल ही कंकाल देखने को मिलते हैं. जी हाँ… और ऐसा माना जा रहा है कि करीब नौ सौ साल पहले यहां इतनी ओला वृष्टि हुई कि यहां रहने वाले सभी लोग मारे गये. जब इन सभी कंकालों की डीएनए जांच की तो ये बात साबित हुई है कि ये हड्डियां लगभग नौ सौ साल पहले की हैं.

यहाँ का मौसम बहुत ठंडा होता है और जब हर साल जब बर्फ पिघलती है तो यहां सैकड़ों कंकाल झील के पानी में तैरते दिखाई देते हैं. इस नजरे को देखकर हर कोई घबरा जाता है. जब एक साथ इतने सारे नरकंकालों यहां दीखते है तब जाकर इसका नाम कंकाल झील रख दिया गया है.

यहां सबसे पहले नरकंकालों की खोज 1942 में रेंजर एच के माधवल ने की थी. वही इस गांव के स्थानीय लोग झील में नरकंकालों के मिलने की वजह नंदा देवी का प्रकोप मानते हैं और हैरानी वाली बात तो ये है की वो इस झील की पूजा भी करते हैं.