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सड़क हादसे रोकने को परिवहन विभाग हर महीने सम्बन्धित विभागों के साथ करे समीक्षा बैठक : योगी

 

 

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए परिवहन विभाग हर महीने सभी सम्बन्धित विभागों के साथ समन्वय करते हुए समीक्षा बैठक करे। बिना परमिट की गाड़ी सड़क पर नहीं चलनी चाहिए, इसकी फूलप्रूफ व्यवस्था की जाए। जो वाहन अनफिट हों उनको स्क्रैप कराया जाए। इसके साथ ही रात्रिकालीन सेवा में 400 किलोमीटर से अधिक की दूरी होने पर दो वाहन चालक रखे जाएं।

मुख्यमंत्री गुरुवार को यहां लोक भवन में सड़क सुरक्षा के सम्बन्ध में आयोजित बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने सड़क निर्माण से जुड़ी सभी एजेंसियों लोक निर्माण विभाग, एनएचएआई तथा स्टेट हाईवे अथाॅरिटी के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि सभी सम्बन्धित विभागों को सड़क सुरक्षा के सम्बन्ध में अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन करना होगा। इसमें किसी भी प्रकार की कोताही को गम्भीरता से लिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि ट्रैफिक के सामान्य नियमों की जानकारी और अनुपालन से बड़ी संख्या में दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है। इसलिए सड़क सुरक्षा और यातायात के नियमों के सम्बन्ध में आम नागरिक को जागरूक किया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक तीन माह में एक बार सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाया जाए।

सरकारी वाहनों के चालकों करायी जाए मेडिकल फिटनेस जांच

यमुना एक्सप्रेस-वे पर होने वाली दुर्घटनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग यह सुनिश्चित करें कि प्रत्येक वाहन चालक की मेडिकल फिटनेस जांच के साथ-साथ वाहनों की भी फिटनेस की जांच करायी जाए। सरकारी वाहनों के चालकों की भी मेडिकल फिटनेस जांच कराई जाए। सड़कों के किनारे बने अवैध ढाबों को हटाया जाए। एक्सप्रेस-वे, नेशनल हाईवे तथा स्टेट हाईवे के प्रत्येक 15 किलोमीटर पर रम्बल स्ट्रिप्स स्थापित किए जाएं। स्पीड ब्रेकर्स मानकों के अनुसार निर्मित किए जाएं।

ब्लैक स्पाॅट्स का किया जाए विशेष सेफ्टी ऑडिट

मुख्यमंत्री ने हेलमेट और सीट बेल्ट की व्यवस्था का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विद्यालयों के वाहनों की फिटनेस जांच अवश्य करायी जाए। साथ ही, इन वाहन के चालकों का मेडिकल टेस्ट व पुलिस वेरिफिकेशन भी अनिवार्य रूप से कराया जाए। उन्होंने ब्लैक स्पाॅट्स का विशेष सेफ्टी ऑडिट करते हुए सुधारात्मक उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। जिन मार्गों पर ब्लैक स्पाॅट की संख्या अधिक है, उन पर एम्बुलेंस की व्यवस्था तथा मार्ग पर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सीएचसी को सुदृढ़ किया जाए तथा पैरामेडिकल स्टाफ को विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया जाए।

स्पीड राडार से हो ओवर स्पीडिंग की जांच

मुख्यमंत्री ने प्रत्येक जनपद में ओवर स्पीडिंग की जांच के लिए स्पीड राडार एवं पर्याप्त पुलिस बल की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि वाहनों की गति सीमा को निर्धारित किया जाए तथा उसके बोर्ड स्थापित किए जाएं। वाहन चालकों का ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट अवश्य किया जाए। नेशनल हाइवेज, स्टेट हाइवेज, एक्सप्रेस-वेज पर डायल-100 और 108 एम्बुलेंस सेवा का प्रभावी संचालन किया जाए तथा एम्बुलेंस की संख्या बढ़ायी जाए।

दुर्घटनाओं का सबसे बड़ा कारण लापरवाही, ओवर स्पीडिंग और ड्रंकेन ड्राइविंग

मुख्यमंत्री ने यमुना एक्सप्रेस-वे तथा लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे एवं टोल प्लाजा पर जन सुविधाओं को बढ़ाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने यह सुविधाएं पेट्रोल पम्प पर भी उपलब्ध कराए जाने की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी मार्गों पर यातायात नियंत्रण सम्बन्धी साइन बोर्ड को प्राथमिकता के आधार पर लगाए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि मार्ग दुर्घटनाओं का सबसे बड़ा कारण ड्राइवरों की लापरवाही, ओवर स्पीडिंग और ड्रंकेन ड्राइविंग है। उन्होंने एक्सप्रेस-वेज और राजमार्गों पर तेज गति से चलने वाले वाहनों के कारण इन पर सजग पेट्रोलिंग की आवश्यकता पर जोर दिया।