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टीवी चैनल रिपब्लिक भारत ने किया अयोध्या स्टिंग ऑपरेशन: रविशंकर प्रसाद बोले- अब ये स्टिंग चर्चा का विषय बनेगा

साल 1990 के दशक में हुआ राम मंदिर- बाबरी विवाद शायद की किसी के जहन से धुंधला हुआ हो। साल 1990 में अयोध्या चलो के आह्वान पर अयोध्या पहुंचे लाखों कारसेवकों पर चलाई गई गोलियां की घटना ने पूरे देश को झकझोर के रख दिया था। अब करीब 28 साल बाद रिपब्लिक भारत ने इस कथित गोलीकांड को लेकर बड़ा खुलासा किया है। जिसके बाद से उत्तर प्रदेश समेत देश की राजनीति में भूचाल आ गया है।

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने रिपब्लिक भारत के स्टिंग भारत के स्टिंग ऑपरेशन पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कानून मंत्री होने के कारण मेरी कुछ सीमाएं है। अभी जो स्टिंग opretaion हुआ है चर्चा का विषय बनेगा। अयोध्या में बहुत बार पोलिटिकल कारणों से बहुत कुछ हुआ लेकिन कई बातें सामने नही आई तो आपलोग यह कोशिश कर रहे है यह विषय सामने आना चाहिए। बाकी उत्तर प्रदेश की सरकार इस पर कुछ करेगी। अयोधया का आंदोलन बहुत महत्वपूर्ण रहा है वहाँ मंदिर बनना चाहिए। अभी मेरे पद की सीमा है कानून मंत्री के रूप में लेकिन आपने जो यह स्टिंग ऑपरेशन किया है यह चर्चा का विषय बने यही कहना चाहूंगा। कारसेवकों के खिलाफ तो बहुत कार्यवाई हुई थी। गोली मुलायम सिंह के समय चली थी। कई लोग खलिस्तान आतंकवादियों की ह्यूमन राइट्स की बात करते है और कारसेवकों की ह्यूमन राइट्स की कोई बात नहीं करता है, यह हमने देखा है। कोठारी बंधुओ की कहानी हमने देखा है। अब इस पर चर्चा होंने दीजिये स्वाभाविक है यह मामला और आगे निकलेगा।

यहां पढ़ें, स्टिंग ऑपरेशन के दौरान तत्कालीन थानेदार वीर बहादुर सिंह ने क्या- क्या खुलासे किए?

रिपोर्टर पीयूष मिश्रा- सर मैं ये जानना चाह रहा था कि जब ये घटना घटी जिसमें बाबरी मस्जिद का ढांचा गिराया गया तो उसके बाद सरकार ने कहा कि सिर्फ 18 लोग मारे गए थे, क्या ये सच है?

तत्कालीन थानेदार वीर बहादुर सिंह- देखिए जो मारे थे लोग विदेश के पत्रकार आए थे, डीएम- एसएसपी ने कहा कि आप जाइये और SO से बात किजिए। तो बाक़ायदा कैमरा लेकर आए बात कर रहे थे, तो उसमें जो स्टेटमेंट बना था तो उसमें आठ लोग गोली से मारे गए दिखाए गए थे, 42 आदमी घायल दिखाए थे।।। उसके बाद जो लाश मिलती थी वो कारसेवकों की है और यह हकीक़त थी कि सरकार को जो रिपोर्ट देनी थी कि तो हम गए श्मशान घाट पर और वहां जो लोग बैठते हैं जब हमने पूछा कि कितनी लाश आती हैं जो दफनाई जाती हैं और कितनी जलाई जाती हैं तो उसने बताया कि 15 से 20 लाशें दफनाई जाती हैं तो हमने उस आधार पर सरकार को स्टेटमेंट दिया था कि लाशें जो हैं कारसेवकों की नहीं हैं दफनाई हुई हैं और ये हकीक़त है लेकिन वो लाशें कारसेवकों की थी।।।। मारे तो काफी लोग थे, जब गोली चली तो दोनों तरफ से काफी लोग मारे गए थे, आंकड़ें नहीं मालूम लेकिन मारे काफी लोग गए थे।

पीयूष- अपने आप को बचाने के लिए ऐसा किया गया था?

वीबी सिंह- हां सरकार की जो रिपोर्ट सही थोड़ी आती है बल्कि फ़र्ज़ी आती है।

पीयूष: मारे गए लोगों का कोई हिसाब नहीं है?

वीबी सिंह- कोई हिसाब नहीं है केवल 42 आदमी घायल दिखाए थे और 8 आदमी गोलाबारी में घायल हुए थे।

पीयूष: लेकिन थे काफी लोग क्योंकि भीड़ भी काफी संख्या में आई थी

वीबी सिंह- अरे बहुत भीड़ थी, जब घटना घटी तो काफी लोग भाग गए, कोई रिपोर्ट नहीं लिख रहा था… घटना के बाद रायगंज की चौकी जला दी गई तो डीएम और एसएसपी ने मुझ को बुलाया और कहा कि तुम घटना की चश्मदीद बना जाओ और बोलो कि कारसेवक यहां चौकी जला रहे थे तो मैंने अपने सिपाहियों को आदेश दिया कि फायरिंग करो और ये हमको झूठ बोलने के लिए कहा गया जबकि हकीक़त कुछ और ही थी।

पीयूष- उस घटना( बाबरी मस्जिद विध्वंस) के बाद काफी लोग आए होंगे अपने लोगों के बारे में पता करने

वीबी सिंह- वो आते रहे तो उसको दिखाया गया कि ये लाशें उनकी नहीं हैं ये दफनाई हुई लाशें हैं।