Breaking News

आवश्यक सूचना: प्रदेश जागरण के सभी निर्गत परिचय पत्र निरस्त किये जा चुके हैं | अगस्त 2022 के बाद के मिलने या दिखने वाले परिचय पत्र फर्जी माने जाएंगे |

सूरत के रियल हीरो, दिवाली पर कर्मचारीयों को दीया बंपर गिफ्ट…600 को दी कारें, 900 को दी एफडी

सूरत के हीरा कारोबारी और हरि कृष्णा एक्सपोर्ट्स के चेयरमैन सावजी ढोलकिया ने हर साल की तरह इस साल भी अपने कर्मचारियों को दिवाली पर बंपर बोनस दिया है। 

 आपको बता दें ये बोनस गुरुवार को ही उन्होंने सूरत में अपने 600 कर्मचारियों को कार और 900 कर्मचारियों को एफडी का तोहफा दिया है। वहीं नई दिल्ली में उनकी कंपनी के चार कर्मचारियों को पीएम नरेंद्र मोदी के हाथों ये तोहफा लेने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।

रह गए न हैरान आपको बता दें कि हीरा कारोबारी सावजी ढोलकिया वर्ष 2011 से लेकर अब तक हर साल अपने कर्मचारियों को दिवाली पर इसी तरह का खास तोहफा देकर सरप्राइज करते हैं।

नई दिल्ली में पीएम मोदी ने सावजी के कर्मचारियों को तोहफा देने के बाद उनके 5000 कर्मचारियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया।  

PM मोदी ने की सराहना

 

इस दौरान उन्होंने सावजी ढोलकिया के प्रयासों की सराहना की और जूलरी सेक्टर को मजबूत बनाने की तरफ उनके नेक प्रयासों की प्रशंसा की। इस दौरान उन्होंने उन सभी कर्मचारियों से 2022 से पहले तक 100 गांवों को डिजिटलाइज बनाने के लिए मदद की भी अपील की।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस बार कंपनी के लॉयल्टी प्रोग्राम के तहत बंपर बोनस गिफ्ट पाने के लिए 1500 कर्मचारी चयनित हुए हैं। इसमें 600 कर्मचारियों ने जहां कार पर सहमति बनाई वहीं 900 कर्मचारियों ने एफडी की मांग की।

पिछले महीने ही अपनी कंपनी में 25 वर्ष पूरे कर लिए कर्मचारियों को उन्होंने मर्सिडीज बेंज गिफ्ट की थी। गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री और मध्य प्रदेश की वर्तमान राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने अपने हाथों से इन कार की चाबियां लाभार्थियों को पेश की। ये सभी आधुनिक डिजाइन वाली कारें हैं जिनकी कीमत 1 करोड की बताई जाती है। 

इसी प्रकार 2015 में उन्होंने दिवाली बोनस के तौर पर अपने कर्मचारियों को 491 कार और 200 फ्लैट बांटे थे। इसके पहले 2014 में उन्होंने इन्सेंटिव के तौर पर अपने कर्मचारियों के बीच 50 करोड़ दौलत बांटे थे। 

सावजी ढोलकिया कौन हैं 

सावजी ढोलकिया ने गुजरात के अमरेली जिले के दुधाला गांव से पढ़ाई की और 13 साल की उम्र में स्कूल छोड़ने के बाद अपने चाचा के डायमंड बिजनेस में हाथ बंटाना शुरू किया। 10 साल तक कड़े संघर्ष के बीच उन्होंने बहुत कुछ सीखा और 1991 में हरी कृष्णा एक्सपोर्ट्स की शुरुआत की। तबतक डायमंड कारोबार के हर गुर सीख चुके थे ढोलकिया लिहाजा उन्होंने अपनी अलग कंपनी बना के बिजनेस करने की ठानी।