Breaking News

आवश्यक सूचना: प्रदेश जागरण के सभी निर्गत परिचय पत्र निरस्त किये जा चुके हैं | अगस्त 2022 के बाद के मिलने या दिखने वाले परिचय पत्र फर्जी माने जाएंगे |

राष्ट्रपति ने शताब्दी वर्ष के लिए ‘सिटी ऑफ़ नॉलेज’ के रूप में गोरखपुर को स्थापित करने का लक्ष्य दिया

दो दिवसीय दौरे पर गोरखपुर में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के 86वें संस्थापक सप्ताह समारोह में पहुंचे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि प्रेम, करूणा और सद्भाव जैसे मूल्य ही शिक्षा के सर्वाधिक महत्वपूर्ण आयाम हैं। बुद्ध और कबीर अपने समय के बड़े शिक्षक थे। पूर्वांचल का सौभाग्य है कि, यह दोनों से जुड़ी धरती है। शिक्षा की मूलभूत कसौटी अच्छा व्यक्तित्व होता है। राष्ट्रपति ने शिक्षा को विकास की कुंजी बताया। कहा कि, गोरखपुर सिटी ऑफ नॉलेज के रुप में स्थापित हो, यही मेरी इच्छा है।

राष्ट्रपति ने कार्यक्रम में आजादी के संघर्ष के दौरान महंत दिग्विजयनाथ द्वारा महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना, अपने दो महाविद्यालय देकर गोरखपुर विवि की स्थापना में महत्वपूर्ण योगदान देने और शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए गोरक्षपीठ की सराहना की। राष्ट्रपति ने शताब्दी वर्ष के लिए ‘सिटी ऑफ़ नॉलेज’ के रूप में गोरखपुर को स्थापित करने का लक्ष्य दिया। उन्होंने प्रसिद्ध समाजसेवी बाबा राघव दास, क्रांतिकारी पंडित रामप्रसाद बिस्मिल, प्रेमचंद, फिराक गोरखपुरी और गीता प्रेस का राष्ट्रपति ने अपने भाषण में खासतौर पर उल्लेख किया। इस दौरान राष्ट्रपति ने संस्थान के 10 बच्चों व एक टीचर को सम्मानित किया।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इच्छा जताई कि, 2032 तक गोरखपुर सिटी ऑफ नॉलेज के रूप में स्‍थापित हो। उन्‍होंने इसका संकल्‍प लेने की अपील करते हुए भरोसा भी जताया है कि गोरखपुर इस कार्य में सफल होगा। योगी आदित्‍यनाथ के विकास कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि गोरखपुर बदल रहा है। कहा कि मैं नियमित रूप से गोरखपुर आता रहा हूं। राष्‍ट्रपति बनने के बाद पहली बार गोरखपुर आया हूं। यहां पर जो बदलाव मुझे दिखे हैं, वह विकास का प्रतीक है।