जिले में पुलिस कप्तान का चार्ज संभालने वाली पूनम पहली बार मीडिया से मुखातिब हुईं। उन्होंने जिले में स्मार्ट पुलिसिंग के लिए तैयार किए गए खाके से मीडिया को अवगत कराया।
साथ ही पत्रकारों व जनता से कानून व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए सहयोग की भी अपील की। नवागत एसपी पूनम ने बताया कि वह वर्ष 2010-बैच की आईपीएस हैं।
इससे पहले उन्होंने बतौर शिक्षिका अपने कैरियर की शुरुआत की। पढ़ाई के साथ उन्होंने छात्र-छात्राओं को जीवन में कानून का पालन करने, बेहतर व्यवहार रखने और लोगों की मदद करने की सीखें दीं।
अंडर ट्रेनिंग में पहली बार एएसपी गाजियाबाद का दायित्व मिला
आईपीएस बनने के बाद वह टीचर आज भी उनमें विद्यमान है। वर्ष 2011 में उन्हें अंडर ट्रेनिंग में पहली बार एएसपी गाजियाबाद का दायित्व मिला। इसके बाद उन्होंने बतौर एसपी मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, गाजियाबाद, अमरोहा, बागपत व अमेठी जिले में भी कार्यभार संभाला। खीरी जिले में आने से पूर्व वह मेरठ में एसपी पीटीएस के पद पर थीं।
उन्होंने बताया कि जिले का चार्ज लेने के बाद उन्होंने दो समाधान दिवसों में पहुंची। दो थानों में मीटिंग की। अधीनस्थों के साथ चौराहों पर गश्त लगाई। समाधान दिवस पर उन्होंने अधीनस्थों को समस्या निस्तारण से संबंधित स्पष्ट निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वह इसकी क्रास चेकिंग भी करेंगी। महिला सुरक्षा के लिए एंटी रोमियो बना है।
उसे निरन्तर सक्रिय रखा जाएगा। उन्होंने हर सर्किल में एक महिला सब इंस्पेक्टर की जरूरत पर जोर दिया। कहा कि इसके लिए प्रयास किए जाएंगे। अपराध नियंत्रण एवं प्रतीक्षारत आपराधिक खुलासों पर कहा कि सभी थानाध्यक्षों व चौकी इंचार्जों को आने वाली शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया है।
खुलासा न हो सकने वाले मामलों को संज्ञान में लाया जाएगा। उन्होंने एसपी कार्यालय में आने वाले फरियादियों से भी अपील की कि पहले वह संबंधित चौकी व थाने में शिकायत करें। वहां उनके मामले पर क्या हुआ इसकी जानकारी भी वह प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न करें। उन्होंने अधीनस्थों को आने वाली शिकायतों पर गंभीरतापूर्वक कार्रवाई करने की अपील की।