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ओवैसी ने कहा- तीन तलाक अध्यादेश से महिलाओं के साथ होगा ज्यादा अन्याय

नई दिल्ली: केंद्रीय कैबिनेट ने एकसाथ तीन तलाक को दंडनीय अपराध बनाने के लिए अध्यादेश को मंजूरी दे दी है, जिसका कांग्रेस समेत दूसरे विपक्षी दल विरोध कर रहे हैं। वहीं एमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि तीन तलाक को आपराधिक कृत्य बनाए जाने के लिए केंद्रीय कैबिनेट द्वारा पारित अध्यादेश से मुस्लिम महिलाओं के साथ और अन्याय होगा। ओवैसी ने इस अध्यादेश को महिला-विरोधी बताया है।
हैदराबाद के सांसद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक पर अपने फैसले में कहा था कि अगर एक व्यक्ति तीन तलाक कहता है तो शादी निरस्त नहीं होगी। तो फिर आप किसके लिए उसे सजा देना चाहते हो? ओवैसी ने कहा कि सबूत का बोझ भी महिला पर डाल दिया गया है, जो कि महिला के साथ एक और अन्याय है।
इस प्रावधान पर कि पति महिला को गुजारा भत्ता प्रदान करेगा, पर उन्होंने कहा कि कैसे तीन साल तक जेल में रहने वाला व्यक्ति गुजारा भत्ता देगा। उन्होंने कहा, “इस्लाम में शादी एक नागरिक अनुबंध है और इसे दंडनीय अपराध बनाना पूरी तरह गलत है।”
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य ओवैसी ने कहा कि उनके निजी विचार में बोर्ड को सुप्रीम कोर्ट  में इस अध्यादेश को चुनौती देना चाहिए क्योंकि ऐसा करने के लिए मजबूत आधार है। सांसद ने कहा कि अगर पीएम नरेंद्र मोदी सच में महिलाओं को लेकर चिंतित हैं तो उन्हें पतियों द्वारा छोड़े गए 24 लाख महिलाओं के लिए एक कानून लाना चाहिए।
ओवैसी ने कहा कि यह अध्यादेश मोदी सरकार की पेट्रोल व डीजल की बढ़ी कीमतें, रुपये का अवमूल्यन और नौकरियों की कमी, कश्मीर में अस्थिरता से ध्यान बंटाने की कोशिश है।