दुनिया में जहां एक तरफ महिलाओं की सुरक्षा क बड़े बड़े दाव किये जातें हैं. वही दूसरी तरफ महिलाओं के प्रति दुष्कर्म के किस्से हर रोज़ सामने आते रहतें हैं. लेकिन इनमे से कितनी महिलाओं को न्याय मिला इसका आंकड़ा बहुत कम है.
सोशल मीडिया पर बढ़ता क्राइम
अगर कोई आपको टच नही कर सकता तो वो कुछ भी करे य़ौन शोषण नही है. पर क्या आपको नही लगता ये गलत है. मानसिक तनाव देकर संबंध बनाने के लिए मजबूर करना या फिर किसी का अश्लील वीडियो बनाना भी क्या य़ौन शोषण नही है. ब्लैक मेंल करके होने वाले अपराध आजकल तेजी से बढ रहे है. जिसका सबसे बड़ा कारण सोशल मीडिया की बढती लोकप्रियता है. सोशल मीडिया पर होने वाले क्राइम्स में पिछले 5 सालों में दुनियाभर में बहुत उछाल आया है.
स्वीडन की एक अदालत ने ‘ऑनलाइन रेप’ का दोषी पाए जाने पर 41 साल के ब्योर्न सैमस्ट्रोम को 10 साल जेल की सजा सुनाने का आदेश दिया है. ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी शख्स को ‘ऑनलाइन रेप’ करने के आरोप में सजा सुनाई गई हो.
नाबालिक बनाये जा रहें हैं शिकार
अदालत में इसके अलावा ब्योर्न पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी का मामला भी दर्ज किया गया क्योंकि उसने बच्चों की यौन क्रियाओं को अपने कम्प्यूटर पर रिकॉर्ड कर रखा था.
बता दें, कई बच्चे घबराकर उसकी बातें मान लेते और उसे खुश करने के लिए यौन क्रियाएं करने लगते. खबरों के मुताबिक इस अपराधी ने अब तक ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा, स्वीडन के कई बच्चो को अपना शिकार बनाया है. इस बात को खुद अपराधी ने स्वीकार है कि उसने 2015 से 2017 के दौरान इन देशो के कुल 27 नाबलिग बच्चों के साथ ये अपराध किया. हालाकि अपराधी के वकील का कहना है कि इस केस में यौन शोषण की सजा नही होनी चाहिए थी. इसलिए वो इस फैसले के खिलाफ सुफ्रीम कोर्ट में मुकदमा दर्ज करेंगे.
वैसे आपको बता दे ये पहला मामला नही है दुनियाभर में कई लोग इस ऑनलाइन रेप का शिकार हो रहे है जहां चैटिंग एप के जरिए नाबालिगों को फंसा कर उनके साथ रेप किया जाता है.