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NCLT ने किया फैसला: कहा- जेपी के बाद आम्रपाली ग्रुप की तीन कंपनियां होगी डिफॉल्टर

रियल इस्टेट कंपनी जेपी इंफ्राटेक को विलफुल डिफॉल्टर घोषित करने के बाद अब नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल देश की एक और प्रमुख रियल इस्टेट कंपनी आम्रपाली ग्रुप की तीन कंपनियों को भी जल्द दिवालिया घोषित कर सकती है। 
जिन तीन कंपनियों को दिवालिया किया जाएगा उनमें सिलिकॉन सिटी, अल्ट्रा होम कंस्ट्रक्शन और आम्रपाली इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल हैं। ट्रिब्युनल ने बैंक ऑफ बड़ौदा दाखिल याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित किया है। इस फैसले से करीब 1 हजार घर खरीदने वालों पर असर पड़ेगा। कंपनी का बैंकों के ऊपर करीब 700 करोड़ से  अधिक की देनदारी है। नोएडा में हुई कंपनी के निदेशकों की निवेशकों के साथ बैठक
आम्रपाली के निदेशकों के साथ निवेशकों के बीच पुलिस-प्रशासन की ओर से मध्यस्थता करते हुए सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय में एक बैठक कराई गई। निवेशक ने निदेशकों को देखते ही उनकी गिरफ्तारी की मांग की लेकिन पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें शांत कर कोई हल निकालने की बात पर सहमत किया। इसके बाद बिल्डर की ओर से 3 दिन में एक कार्ययोजना तैयार करने की बात की। जिससे उनके घर का सपना पूरा किया जा सके।

पिछले कई दिन से धरना-प्रदर्शन और भूखहड़ताल पर बैठे निवेशकों की परेशानी को देखते हुए पुलिस-प्रशासन की ओर से पहल की। एसपी सिटी अरूण कुमार सिंह और सिटी मजिस्ट्रेट महेंद्र कुमार सिंह ने निवेशकों और बिल्डर के निदेशकों के बीच वार्ता कराई। इस बैठक में प्राधिकरण के अधिकारी भी शामिल थे। बिल्डर अनिल शर्मा और शिव प्रिया को देखते ही निवेशकों ने उनकी गिरफ्तारी की मांग की।

हालांकि पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों ने निवेशकों को शांत करते हुए कहा कि यदि वह गिरफ्तार कर लिए गए तो आगे फ्लैट का सपना पूरी तरह खत्म हो जाएगा। इसके बाद निवेशक शांत हुए और उन्होंने बिल्डरों की बात सुनी। बिल्डरों ने कई तरह से पक्ष रखे कि वह धरना-प्रदर्शन समाप्त कर दें और जल्द ही उनके फ्लैट बनाने का काम शुरू कर दिया जाएगा।

निवेशकों ने कहा कि बिल्डर के आश्वासन पर ही आज धोखा खाए हुए हैं और विश्वास नहीं करते तो आज वह दर-दर की ठोकरें खाने का मजबूर नहीं होते। निवेशकों ने दो टूक शब्दों में कहा कि फ्लैट या ब्याज सहित पैसा दोनों में से एक तो बिल्डर को देना होगा। इस पर आम्रपाली निदेशक अनिल शर्मा ने निवेशकों को आश्वासन दिया कि वह 3 दिन में ऐसी कार्य योजना तैयार करके उनके समक्ष रखेंगे जिससे फ्लैट बनने की राह आसान हो जाए। अगर वह इस बात से संतुष्ट हों तो धरना खत्म कर दें।

अनिल शर्मा ने कहा कि अगर निवेशकों को उनकी गिरफ्तारी से संतुष्टि होती है तो वह उसके लिए भी तैयार है। हालांकि निवेशकों ने तीन दिन में कार्य योजना पर चर्चा करने के लिए बिल्डर को 3 दिन का समय दे दिया। सिटी मजिस्ट्रेट महेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि तीन दिन बाद निवेशक और बिल्डर के बीच फिर से कार्य योजना पर बातचीत होगी। अगर निवेशक संतुष्ट हो तो बिल्डर के साथ समझौता कर सकते हैं।

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