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एसडीआरएफ ने बताये भूकंप के समय बचाव के तरीके, मानस और जैकी ने बटोरीं तालियां

लखनऊ: राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) ने भूकम्प, भवनों के गिरने के दौरान मलबे में दबे जिंदा लोगोंं को समय रहते निकालने के लिए डॉग स्क्वाड विंग को शामिल कर ऑपरेशन को और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। मंगलवार को बल के मुखिया आईपीएस हेमंत कुटियाल ने मध्यप्रदेश के ग्वालियर स्वान प्रशिक्षण केंद्र टेकनपुर से 24 सप्ताह का कठिन प्रशिक्षण प्राप्त कर आए स्वान (डॉग) की विश्वसनीयता को परखा।

हैण्डलर ने सैल्यूट, सीधा लेट सहित कई अन्य प्रकार के निर्देशों को भी फॉलो कराया। सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन मॉकड्रिल के दौरान डॉग मानस ने कई चक्कर काट जीवित विक्टिम को खोज निकाला। कमांडेंट श्री कुटियाल ने रेफ्यूजल फ़ूड (टिडबिट) खिलाया, लेकिन जैकी ने नहीं खाया ऐसे ही उसने कई कारनामें दिखा तालियाँ बटोरी, सराहना पायी।

उपसेनानायक निहारिका शर्मा ने बताया ये डॉग ब्रीथ सेंस सांसो को महसूस कर उसी जगह इशारा करते हैं, जहां किसी जीवित व्यक्ति के दबे होने की आशंका होती है। इनकी वजह से आपात स्थिति में SDRF जनहानि को न्यूनतम कर सकेगी।

वहींं एक अन्य जागरूकता कार्यक्रम के तहत SDRF की टीम ने गोमती नगर के केंद्रीय विद्यालय में छात्र छात्राओं को बाढ़, भूकम्प, आग लगने पर क्या करना चाहिए क्या नही विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया भूकंप आने पर सीढ़ियोंं का उपयोग करें, लिफ्ट का नहींं। इमारत के अंदर होने पर मजबूत मेज आदि के नीचे छुपें। आग से बचाव की मॉक ड्रिल करते रहे।

इस दौरान कॉलेज के प्राचार्य सीबीपी वर्मा, उप प्राचार्य जेएस रॉय सहित अन्य लोग मौजूद रहे।