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NewDelhi:उपराज्यपाल विवाद के बीच हुई नीति आयोग की बैठक,विशेष राज्य की हुई मांग

नई दिल्ली।

  • उपराज्यपाल संग विवाद में केजरीवाल द्वारा पीएम मोदी के खिलाफ सीधे खोल दिए गए मोर्चे के बीच दिल्ली में नीति आयोग की अहम बैठक हो रही है। इस बैठक में पीएम मोदी समेत देशभर के मुख्यमंत्री शामिल हुए हैं। आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायूड ने उनके सूबे को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की है। बिहार सीएम नीतीश कुमार ने इस मांग का समर्थन करते हुए अपने सूबे के लिए भी इस दर्जे की मांग की है।
  • इस दौरान बैठक में नोटबंदी और जीएसटी को लेकर भी चर्चा हुई। बैठक के शुरुआती संबोधन में पीएम मोदी ने वन नेशन वन टैक्स को साकार करने के लिए गुड्स ऐंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) को लागू कराने में राज्यों की भूमिका को सराहा है।पीएम ने इस बैठक में बाढ़ प्रभावित राज्यों के सीएम को केंद्र की तरफ से पूरी मदद का आश्वासन दिया है।
  • ऐसी खबरें थीं कि आंध्र प्रदेश के विकास से जुड़े मुद्दे पर केंद्र की मोदी सरकार को घेरने के लिए चंद्रबाबू नायडू भी पूरी तैयारी करके आए हैं। नायडू ने बैठक में इसे साफ किया और आंध्र को विशेष राज्य का दर्जा देने के मुद्दे को उठा दिया। उन्हें तुरंत नीतीश के रूप में एक समर्थक भी मिल गया।
  • आपको बता दें कि नायडू के नेतृत्व में टीडीपी ने इसी मुद्दे पर एनडीए का साथ छोड़ा था और फिलहाल गैर बीजेपी फ्रंट बनाने की कोशिशों में आंध्र सीएम काफी ऐक्टिव भूमिका निभा रहे हैं। उधर, नीतीश कुमार भी बिहार में दबाव की सियासत को देखते हुए विशेष राज्य के दर्जे की मांग कर रहे हैं।
  • आपको बता दें कि नीति आयोग की बैठक में आने से पहले ममता बनर्जी, चंद्रबाबू नायडू, पी विजयन और कुमारस्वामी ने केजरीवाल के घर जाकर उनके धरने को अपना समर्थन दिया था।
  •  ममता बनर्जी ने कहा कि यह संघवाद पर हमला है और वह नीति आयोग की बैठक में पीएम मोदी के सामने इस मुद्दे को उठाएंगी। उधर, पीएम ने नीति आयोग के अपने संबोधन में सहकारी और प्रतिस्पर्धात्मक संघवाद को देश के विकास की कुंजी बताया है।
  • इस बीच नीति आयोग के सीएम अमिताभ कांत ने ट्वीट कर कहा कि पीएम ने अपने संबोधन में स्वास्थ्य, शिक्षा और कृषि के अलावा आंकाक्षी जिलों पर फोकस किया। उन्होंने कहा कि बराबरी के साथ सबके विकास के लिए जरूरी है कि हम सब मिलकर काम करें।
  • आपको बता दें कि नीति आयोग ने पिछड़े और बीमारू जिलों की शब्दावली को बदलते हुए 101 जिलों की एक लिस्ट बनाई है, जिन्हें आकांक्षी जिला (एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट्स) कहा जा रहा है। कुछ मानकों के आधार पर इन्हें भी विकास की दौड़ में सहभागी बनाने पर काम हो रहा है।
Courtesy:NBT