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राम इन योद्धाओं बिना नहीं जीत सकते थे रामायण का युद्ध….

रामायण हिन्दू धर्म का का एक पवित्र गर्थ है ऐसा माना जाता है भगवान राम की कथा सुनने मांत्र से ही अलौकिक सुख की प्राप्ति होती है… आपने भी रामायण कई बार देखि ही होगी और निश्चित रूप से कई बार पढ़ा भी होगा.

लेकिन आप कई रामायण के ऐसे पात्रों को भूल गये होंगे जो काफी अहम रहे हैं. भगवान राम की सेना के प्रमुख योद्धा थे और खुद राम भी इनके बिना युद्ध नहीं जीत सकते थे. तो आइये आज रामायण के पात्र जिनके बिना भगवान राम का युद्ध जीतना मुश्किल था… आइये जानतें है कौन थे ये 5 महावीर…

जाम्बवन्त

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असल में जब हनुमान समुद्र किनारे निराश बैठे थे और यह सोच रहे थे कि कैसे भगवान राम का कार्य किया जाये तो उस समय जाम्बवन्त ने हनुमान को उनकी शक्तियां याद दिलाई थीं. आप अनुमान नहीं लगा सकते हैं कि यह कितना बड़ा कार्य जाम्बवन्त के द्वारा किया गया था. इस पात्र को आज हम कभी पूजते ही नहीं हैं और ना ही याद करते हैं.

सुग्रीव

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पहले राम ने सुग्रीव की मदद की थी. लेकिन सुग्रीव का रामायण युद्ध में राम की मदद का भी बड़ा अध्याय है. आप शायद यह जानते हों कि सुग्रीव की सेना ही रावण की सेना के साथ युद्ध कर रही थी. आपने राम जी की लड़ाई तो याद रखी लेकिन आप सुग्रीव की सेना की लड़ाई को भूल गये हैं.

अंगद

जी हाँ, अंगद एक ऐसा राजदूत भी रहा जिसने रावण के सामने बड़ी वीरता और बुद्धिमता से अपनी बात रखी थी. साथ ही साथ अंगद ने अपनी वीरता का नजारा भी युद्ध में दिखाया था. अंगद इतना बलशाली था कि रावण भी इनका पैर नहीं हिला पाया था.

जटायु

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जटायु अरुण देवता के पुत्र थे. जटायु के बारें में बहुत अधिक जानने का प्रयास असल में भारत में किया ही नहीं गया है. जटायु ने रावण से लड़ते हुए अपने प्राण गंवाए थे लेकिन राम जी को माता सीता का सही पता भी इसी महान योद्धा से प्राप्त हुआ था. (जटायु के बारें में विस्तार से चर्चा अगले लेखों में करेंगे).

नल और नील

अब यह तो निश्चित ही है कि इन नामों के बारें में आपने सुना नहीं होगा. असल में नल के बिना तो राम जी समुद्र पर सेतु बना ही नहीं सकते थे. नल विश्वकर्मा का पुत्र था और यही वह व्यक्ति था जो अपने हाथ से कुछ भी लेकर समुद्र में छोड़े तो वह चीज डूब नहीं सकती थी. बाद में नल ने ही इस सेतु के निर्माण में बड़ी भूमिका निभाई थी.