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गोर चले गए तब भी नहीं आया लोकतंत्र, अन्ना के अनसन का आज दूसरा दिन

देश में गांधी के बाद अहिंसा की राह पर चलने वाले अन्ना हजारे एक बार फिर अनिश्चितकालीन अनसन पर बैठ गए है.

बता दें, ये अनसन लोक सभा बीव विधायकों को पास करने  कराने  संबंधी 6 अन्य मांगों सहित समाजसेवी अन्ना हजारे शुक्रवार से फिर रामलीला मैदान में अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठ गए हैं.

अन्ना ने मंच से तिरंगा भी लहराया. इसके बाद अन्ना हजारे के अनशन का आज दूसरा दिन है…

लोकतंत्र नहीं आया, अंग्रेज तो चले गए

शुक्रवार को अन्ना हजारे ने कहा था कि लोकतंत्र नहीं आया, अंग्रेज तो चले गए, सिर्फ गोरे गए और काले आ गए. जब तक किसानों को हक नहीं मिलता, तब तक लड़ना है. हड़ताल से पहले हजारे ने कहा कि उन्होंने सरकार को 42 बार पत्र लिखा, लेकिन उनकी नहीं सुनी गई.

अंत में विवश होकर अनशन पर बैठना पड़ रहा है. इस बार आश्वासन पर आंदोलन खत्म नहीं होगा. जब तक मांग पूरी नहीं होगी, वे हटेंगे नहीं. अन्ना ने बताया कि प्रदर्शनकारियों को दिल्ली लेकर आ रही ट्रेन को केंद्र सरकार ने रद्द करा दिया है.

इससे आंदोलनकारी हिंसा की ओर अग्रसर हो सकते हैं. मेरे लिए भी पुलिस बल तैनात कर दिया गया. कई पत्र लिखे और कहा था कि मुझे सुरक्षा नहीं चाहिए. केंद्र की सुरक्षा उन्हें नहीं बचा सकती. सरकार का धूर्त रवैया ठीक नहीं है

बापू को किया नमन

आंदोलन की शुरुआत से पहले अन्ना हजारे अपने समर्थकों के साथ राजघाट स्थित महात्मा गांधी की समाधि पर पहुंचे। यहां उन्होंने बापू को याद किया। प्रार्थना के बाद अन्ना शहीदी पार्क पहुंचे। यहां पर शहीदों को याद करने के बाद अन्ना रामलीला मैदान पहुंचे, जहां भूख हड़ताल शुरू कर दी।

आंदोलन में अन्ना का साथ सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज एवं कर्नाटक के पूर्व लोकायुक्त एन. संतोष हेगड़े भी पहुंचे। इस बार आंदोलन में नए साथी अन्ना के संरक्षक दत्त अवारी, पंकज काल्की व सुनील लाल का नाम  मुख्य रूप से शामिल हैं।

सियासी दलों को मंच पर जगह नहीं

अन्ना के आंदोलन में इस बार किसी राजनीतिक दल के नेता को मंच नहीं दिया जाएगा। इसके साथ ही टीम का प्रत्येक सदस्य एक शपथ पत्र अन्ना को दे चुका है कि भविष्य में किसी राजनीतिक गतिविधि में भाग नहीं लेगा। अन्ना के सहयोगियों का कहना है कि अब आंदोलन के सहारे कोई अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, किरन बेदी व जनरल वीके सिंह पैदा नहीं होगा। अन्ना कह चुके हैं कि इस बार आंदोलन में 2011 के आंदोलन का कोई सदस्य नहीं है। नए साथियों की टीम बनी है।

सभी ने शपथ पत्र दिया है। इसके बाद ही आंदोलन के साथ काम करने की ड्यूटी दी गई है। अन्ना ने देशभर में घूम-घूमकर 600 कार्यकर्ताओं की टीम तैयार की है। इनमें 20 सदस्यों की एक कोर टीम भी बनाई गई है।