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LMRC ने डाउनलाइन टनल में ट्रैक बिछाने का हुआ काम पूरा… पढ़ें पूरी खबर..

लखनऊ मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (एलएमआरसी) ने अपनी परियोजना की असाधारण गति को बरकरार रखते हुए एक और मील का पत्थर पार कर लिया है। लखनऊ मेट्रो ने के. डी. सिंह स्टेडियम मेट्रो स्टेशन रैंप से चारबाग़ मेट्रो स्टेशन रैंप के बीच भूमिगत सेक्शन की डाउनलाइन टनल में ट्रैक बिछाने का काम पूरा कर लिया है।

भूमिगत सेक्शन की अपलाइन टनल में ट्रैक बिछाने का काम पहले ही पूरा किया जा चुका है। लखनऊ मेट्रो को अब पूरी उम्मीद है कि बहुत ही जल्द भूमिगत सेक्शन मेट्रो परिचालन के लिए पूरी तरह से तैयार होगा।

25 मिमी मोटा एलास्टमर पैड का किया इस्तेमाल 

एलएमआरसी ने ट्रैक निर्माण के लिए ट्रैक बेड के नीचे मास स्प्रिंग सिस्टम (25 मिमी मोटा एलास्टमर पैड) का इस्तेमाल किया है। मास स्प्रिंग सिस्टम एक ऑस्ट्रियन तकनीक है, जिसकी मदद से भूमिगत सेक्शन के अंतर्गत एक-दूसरे से जुड़ी संरचनाओं में वाइब्रेशन और साउंड की समस्या से निजात मिलता है। ट्रैक निर्माण के लिए सबसे पहले एलास्टमर मास स्प्रिंग सिस्टम शीट बिछाई जाती है और फिर सुदृढ़ीकरण जाल (रीइनफ़ोर्समेंट मेश) डाला जाता है।

इसके बाद, जाल के भीतर सीमेंट का मिश्रण भर दिया जाता है। इस बात का पूरा ध्यान रखा जाता है कि पटरियों में किसी तरह का कोई जोड़ न आए। एलएमआरसी ने ख़ासतौर पर जापान से ट्रैक (पटरियां) मंगवाईं और पटरियों की फ़िटिंग के लिए सारी आवश्यक सामग्री जर्मनी से आयात की गई। ट्रैक बिछाने का कार्य कालिंदी रेल निर्माण कंपनी द्वारा किया गया है। इस कंपनी ने ही प्रयॉरिटी कॉरिडोर के वायडक्ट पर ट्रैक बिछाने का काम किया था। 

टनल में ओवरहेड इलेक्ट्रिफ़िकेशन का काम भी 80% कम हुआ पूरा 

ट्रैक बिछाने के साथ-साथ लखनऊ मेट्रो ने रिजिड ओवरहेड कैटेनरी सिस्टम (आरओसीएस) यानी टनल में ओवरहेड इलेक्ट्रिफ़िकेशन का कार्य भी लगभग 80 प्रतिशत तक पूरा कर लिया है। इसके अतिरिक्त, भूमिगत मेट्रो स्टेशनों पर प्रवेश एवं निकास द्वार स्थापित करने का कार्य भी लगभग पूरा हो चुका है।

भूमिगत सेक्शन के तीनों मेट्रो स्टेशनों ;हुसैनगंज, सचिवालय, हज़रतगंजद्ध के कॉनकोर्स और प्लेटफ़ॉर्म एरिया पर टाइल्स लगाने और सौंदर्यीकरण का काम भी 60 प्रतिशत से अधिक पूरा किया जा चुका है। मेट्रो रेल संचालन से जुड़े सभी महत्वपूर्ण कक्ष जैसे कि इलेक्ट्रिकल, यूपीएस, डीवी रूम, टेलिकॉम, सिक्यॉरिटी रूम आदि का निर्माण कार्य भी तेज़ी के साथ पूर्ण किया जा रहा है।