हमारे देश में पेड़ पौधे संस्कृति और पौरणिक कथाओं मे रचे बसे है। कई पेड़ पौधे जहां औषधिय के रूप में लाभकारी होते है। तो कई आध्यात्मिक महत्व इनमें से ही एक पौधा है। जिसे हिंदू धर्म पवित्र माना गया है। और पूजा पाठ में इसके पत्तों का विशेष महत्व होता है।
केले के वृक्ष में भगवान विष्णु का वास होता है। भगवत पूजा में इनका उपयोग करने भगवान विष्णु खुश होते है। केले के वृक्ष को शुभ और संपन्नता का प्रतीक माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार अगर 7 गुरूवार केले के वृक्ष की पूजा की जाए तो सभी मनोकामनाएँ पूरी होती है।
केले के पत्तों का महत्व
कदली व्रत में इस पौधे की पूजा होती है तो कथा पूजन में केले के पत्ते सजाए जाते है। सत्यनारायण की कथा में केले के पत्तों से मंडप बनाया जाता है। दक्षिण भारत में तो केले के पत्तों भोजन परोसने परम्परा है।
गुरूवार को भगवान विष्णु को केले के फल का भोग भी लगाया जाता है। और इस केले के पेड़ की पूजा भी की जाती है। लेकिन इस दिन केला नहीं खाया जाता है। भगवान जगन्नाथ पुरी और भगवान श्री कृष्ण को केले के फूल से बनी शाक का भोग भी लगाया जाता है।
इस दिन कैसे करें पूजा
सुबह मौन व्रत धारण करके स्नान करें और केले के वृक्ष में जल अर्पित करें। हल्दी की गाठं, चने की दाल, और गुड समर्पित करें। अक्षत, पुष्प आदि मंगल चीजे चढ़ाएं और केले के पेड़ परिक्रमा करें।