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जानिए किस बीमारी ने ली मनोहर पर्रिकर की जान, अमेरिका से भी कराया था इलाज

गोवा के मुख्यमंत्री एवं पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर का रविवार को निधन हो गया। वह 63 वर्ष के थे। पर्रिकर लंबे समय से बीमार थे और पेनक्रियाज (अग्नाशय) कैंसर की अंतिम अवस्था से जूझ रहे थे। पिछले एक वर्ष से गोवा, मुंबई , अमेरिका तथा नयी दिल्ली के अस्पतालों में उनका उपचार चल रहा था।

पेनक्रियाज को हिंदी में अग्नाश्य कहते हैं, ये पाचन तंत्र का मुख्य अंग और छोटी आंत का पहला भाग होता है। अग्नाशय 6 से 10 इंच लंबी ग्रंथि होती है जो आमाशय के पीछे पेट में पाई जाती है। अग्नाशय खाना पचाने में मदद करने वाले हार्मोन और एंजाइम को छोड़ता है। अग्नाशय इंसुलिन, ग्लुकागोन और सोमाटोस्टाटिन हार्मोन बनाने वाला शरीर का सबसे अहम हिस्सा है, जो शरीर के सारे सिस्टम को बेहतर रखने का काम करता है। उधर पूरा देश शोक में डूब गया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पर्रिकर के निधन पर शोक जताया है। कोविंद ने शोक संदेश में कहा कि मनोहर पर्रिकर के निधन से उन्हें गहरा दुख हुआ। सार्वजनिक जीवन में उनके समर्पण, लगन और गोवा के मुख्यमंत्री तथा देश के रक्षा मंत्री के रूप में उनकी सेवाओं को देश हमेशा याद रखेगा।

50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में पीठ या पेट में दर्द, वजन में कमी, पीलिया, भूख में कमी, मतली, मल में परिवर्तन, अग्नाशयशोथ और हाल ही में शुरू होने वाला डायबिटीज शामिल हैं। एडवांस अग्नाशय के कैंसर से जलोदर पेट में तरल पदार्थ, थकान और खून के थक्के आदि शामिल हैं।

गंभीर बीमारी के चलते पर्रिकर की सेहत में लगातार उतार-चढ़ाव बना रहा लेकिन उन्होंने पूरी लगन के साथ अपने आखिरी दम तक जनता की सेवा की। पार्टी में मनोहर पर्रिकर के काम के प्रति जोश और जज्बे की हमेशा तारीफ होती रही. पर्रिकर ने युवाओं में जोश पैदा करने की मिसाल कायम की।